लंदन । अध्‍ययन में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए टेस्‍टिंग और इसके रिजल्‍ट आने तक की लंबी प्रक्रिया को नकार दिया गया है। अध्‍ययन में कहा गया है, कि रैपिड टेस्‍टिंग की प्रक्रिया अपनाना कहीं अधिक फायदेमंद है।अध्‍ययन के अनुसार, रैपिड टेस्‍टिंग के तहत रिजल्‍ट कुछ ही घंटों में आ जाता है जिसके बाद संक्रमित की पहचान कर उन्हें क्‍वारंटाइन कर कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। अध्‍ययन में दावा किया गया है कि रैपिड टेस्‍टिंग के जरिए कुछ सप्‍ताह के भीतर ही कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है। अध्‍ययन के अनुसार कोरना संक्रमण को फैलने से रोकने के क्रम में घर में ही क्‍वारंटाइन के नियमों को अपनाने के लिए टेस्‍टिंग की प्रक्रिया को तेज करना काफी आवश्‍यक है। रिपोर्ट में कहा, ‘हमारा निष्‍कर्ष यह है कि जब सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य की बात आती है,तब बेहतर यह होगा कि कम सेंसिटिव टेस्‍ट के आज आने वाला रिजल्‍ट कहीं बेहतर है बजाए इसके कि अधिक सेंसिटिव टेस्‍ट कराएं जिसका परिणाम एक दिन बाद आए।’ सभी को घरों में बंद रहने की सलाह देने की जगह इस टेस्‍टिंग के बाद केवल उस बीमार इंसान को घर में बंद रखा जाएगा जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है। रिपोर्ट के अनुसार, इसकी फ्रीक्‍वेंसी या इसमें लगने वाले समय के बारे में अध्‍ययन किया गया। पूरे रिसर्च का विश्‍लेषण करते हुए शोधकर्ता ने कहा, ‘टेस्‍टिंग को लेकर मंतव्‍य बदलने का समय है, कि आप बीमार है और इसे ही संक्रमण को खत्‍म करने और इकोनॉमी को खोलने का हथियार की तरह इस्‍तेमाल करना है।’

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