मुंबई। देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच मुंबई में इन्फ्लुएंजा एन1एन1 यानी स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। स्वाइन फ्लू और कोविड-19 के लक्षण एक जैसे होते हैं, ऐसे में विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि डॉक्टरों को ध्यान रखना होगा कि एच1 एन1 के मरीज को कोविड का इलाज न दिया जाए। संक्रामक रोग के विशेषज्ञ डॉ वसंत नागवेकर ने हाल ही में सर्दी, बुखार और सिरदर्द के दो मरीजों का इलाज किया। एक रोगी हाल ही में कोविड-19 संक्रमित पाया गया था। किसी भी कोविड मरीज के 90 दिन के भीतर फिर से संक्रमित होने का मामला दुर्लभ हैं। ऐसे में डॉक्टर ने एच1एन1 टेस्ट का सुझाव दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मरीज का एच1एन1 टेस्ट पॉजिटिव था। डॉ नागवेकर ने स्वाइन फ्लू के दो मामले और एच3एन2 के तीसरे मामले को भी देखा। यह इन्फ्लूएंजा-ए का सब टाइप भी है। रिपोर्ट के अनुसार, नागवेकर ने कहा इलाज के दौरान यह ध्यान रखना होगा कि फिलहाल कई वायरस का प्रसार हो रहा है। ऐसे में अगर कोई मरीज कोविड प्रोटोकॉल से दिए जा रहे इलाज से ठीक नहीं हो रहा है, तो अन्य पर निगाह डालें।
बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि इस साल बीएमसी को एच1एन1 के दो मामले सामने आए हैं। पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजधानी में एच1एन1 के मामले सामने आ रहे हैं। मुंबई में पिछले साल 44 मामले आए थे। वहीं साल 2019 में एच1एन1 के 451 मामले पाए गए थे और 5 मौतें हुई थीं। संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ। ओम श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि एच1एन1 और कोविड-19 दोनों ही सांस संबंधी रोग है, ऐसे में सही डायग्नोसिस जरूरी है।
उन्होंने कहा दोनों के लक्षणों में कई समानताएं हैं, लेकिन वायरस में अंतर है। श्रीवास्तव ने कहा लगभग एक दर्जन मामले ऐसे हैं, जिनमें रोगी कोविड और एच1एन1, दोनों रोगों से पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा अधिकतर मामलों में एच1एन1 मामले फाल्स पॉजिटिव पाए गए। हालांकि एच1एन1 की पॉजिटिव रिपोर्ट को इग्नोर नहीं करना चाहिए। इसके चलते स्थिति गंभीर हो सकती है, यहां तक की मौत भी होने की आशंका है।