नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके मरीजों में म्यूकोरमाइसिस नाम के फंगल इन्फेक्शन के काफी केस देखने में आ रहे हैं। दिसंबर में सर गंगाराम हॉस्पिटल सहित कई अस्पतालों में कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में फंगल इंफेक्शन के कई केस देखे गए थे। एक बार फिर यह केस बढ़ते नजर आ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक फंगल इंफेक्शन इतना खतरनाक है कि यदि किसी को हो जाए तो उसकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसके साथ-साथ जबड़ा भी निकालना पड़ सकता है। गंगाराम अस्पताल में पिछले कुछ दिनों में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। गंगाराम अस्पताल में सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ़ मनीष मुंजाल ने कहा कि कोरोना के बढ़ने के साथ ही दोबारा इस खतरनाक फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले 2 दिनों में इस इंफेक्शन से पीड़ित 6 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। पिछले साल भी इस फंगल इंफेक्शन ने कई मरीजों की आंखों की रोशनी छीन ली थी। साथ ही कई मरीजों की नाक और जबड़ा भी निकालना पड़ा था। डॉ मुंजाल का कहना है कि अगर कोविड से रिकवर हुए किसी व्यक्ति की नाक बंद रहती है, आंख या गाल में सूजन है और नाक में काली पपड़ी जैसा कुछ महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके। ईएनटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ अजय स्वरूप ने बताया कि कोरोना के जो मरीज पहले से किसी न किसी बीमारी का शिकार हैं या फिर कोविड मरीजों के इलाज में अधिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा रहा है तो अस कारण म्यूकोरमाइसिस नाम के फंगल इंफेक्शन हो सकता है। जिन कोरोना मरीजों में इम्युनिटी का स्तर कम है, वे सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आ रहे हैं। डॉ. स्वरूप ने कहा कि जो कोरोना मरीज रिकवर कर गए हैं और यदि उन्हें डायबिटीज, किडनी या कैंसर जैसी कोई बीमारी है तो उनमें यह म्यूकोरमाइसिस होने की ज्यादा संभावना होती है।

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