महामारी कोरोना से प्रभावित देशों की सूची में भारत ईरान को पछाड़ कर दसवें नंबर पर आ चुका है। इस बीच बीते एक सप्‍ताह से लगातार कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। बीते आठ दिनों में ही भारत में इनकी संख्‍या 47918 मामले सामने आ चुके हैं। लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में आने वाले दिनों में इनकी संख्‍या और अधिक तेजी से बढ़ने की आशंका पहले ही जताई जा चुके हैं लेकिन इस बीच एक अच्‍छी खबर इसकी दवा के क्‍लीनिकल ट्रायल से जुड़ी हुई सामने आई है। भारत के शीर्ष चिकित्सा निकाय ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए कम से कम 6 महीने में मानव परीक्षण शुरू हो सकते हैं।

अपने बयान में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख डॉ. रजनी कांत ने कहा है कि पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) प्रयोगशाला में वायरस का स्ट्रेन पृथक किया गया है जिसका उपयोग अब इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन बनाने में किया जाएगा। इस स्ट्रेन को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) में स्थानांतरित भी कर दिया गया है। उन्‍होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले छह माह के अंदर इस वैक्‍सीन का इंसान पर टेसट संभव हो सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में बढ़ते मामलों पर आईसीएमआर प्रमुख ने कहा कि इससे चिंतित होने की जरुरत नहीं है। उनके मुताबिक हमें संख्या की बजाय उन कमजोर समूहों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए जो इनकी वजह बन रहे हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि बुजुर्गों और ऐसे लोगों पर ध्‍यान देने की जरूरत है जो पहले से ही किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं। उन लोगों की सुरक्षा की आवश्यकता है। यही हमारी सबसे कमजोर कड़ी है। उन्‍होंने कहा कि इस समूह में मृत्युदर को कम रखने के लिए पयार्प्त संसाधन लगाने और रणनीतियों को विकसित करने की जरूरी है।

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