नई दिल्ली। एंटीगुआ और बारबुडा पुलिस प्रमुख एटली रॉडने ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का पुलिस ने अपहरण किया था। उन्होंने कहा, हमारे पास कोई सूचना या संकेत नहीं है कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से जबरन हटाया गया था। बता दें कि 25 मई को चोकसी कथित तौर पर एंटीगुआ से लापता हो गया था, जिसके बाद वह डोमिनिका से मिला था। पुलिस प्रमुख ने कहा, हम केवल वकील (मेहुल चोकसी के) की ओर से सुन रहे हैं और डोमिनिका पुलिस उस कहानी की पुष्टि नहीं कर रही है। रोडनी ने एक वीडियो साक्षात्कार में कहा, एंटीगुआ से डोमिनिका या जहां भी वह गए, वहां उनके जाने में हमारी कोई भागीदारी नहीं है। मेहुल के वकील ने दावा किया है कि उसके शरीर पर ‘टॉर्चर के निशान’ भी थे। वकील ने यह भी आरोप लगाया है कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बरबूडा से उसकी मर्जी के बिना जबरन उठाया गया था। भारत में चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने डोमिनिका में हमारे वकीलों को मेहुल चोकसी से सिर्फ दो मिनट ही मिलने दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें एंटीगुआ के जॉली हार्बर से उन्हें जबरन उठाकर डोमिनिका लाया गया था। भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर डोमिनिकाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, क्योंकि चोकसी के वकील ने वहां बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिक दायर की है और कहा है कि उसे कानूनी अधिकारों से वंचित कर दिया गया था और उसे शुरू में अपने वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी। कोर्ट ने फिलहाल 2 जून तक के लिए चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है।

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