तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा चुनाव से पहले अप्रैल में भाजपा के पास कर्नाटक से अवैध तरीके से 40 करोड़ रुपए केरल पहुंचाए गए यह बात केरल पुलिस ने अदालत में कही है। दरअसल, केरल में इस साल हुए विधानसभा चुनाव से तीन दिन पहले थ्रिसुर के हाईवे में हुई 3.5 करोड़ रुपए की चोरी का मामला उलझता जा रहा है। केरल पुलिस ने इस मामले में थ्रिसुर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इसमें आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव से पहले अप्रैल में कर्नाटक से अवैध तरीके से 40 करोड़ रुपए केरल पहुंचाए और इसे हवाला के जरिए केरल इकाई में अपने कई पदाधिकारियों को बांटे। पुलिस का कहना है कि थ्रिसुर हाईवे से जिन पैसों की चोरी हुई, वह भी काले धन का हिस्सा थे। हालांकि, भाजपा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। थ्रिसुर कोर्ट में दी गई चार्जशीट के मुताबिक, कर्नाटक से केरल लाए जाने के दौरान 4.40 करोड़ की राशि कथित तौर पर तमिलनाडु के सलेम में भी लूटी गई थी। लोकतांत्रिक युवा जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलीम मदूवर जिन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से पहले केरल हाईवे डकैती केस की जांच की मांग की थी, उन्होंने ही शनिवार को तमिलनाडु के डीजीपी को सलेम की लूट के बारे में जांच करने को कहा। उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु पुलिस को अब तक इस चोरी हुई रकम की कोई जानकारी नहीं मिली है, जिससे साफ होता है कि 4.40 करोड़ की लूटी गई राशि काला धन थी।
क्राइम ब्रांच की ओर से दी गई चार्जशीट में कहा गया है कि सलेम में जो पैसा चोरी हुआ, वह बेंगलुरु के रास्ते 6 मार्च को केरल लाया जा रहा था। इसके करीब एक महीने बाद 3 अप्रैल को थ्रिसुर में 3.50 करोड़ रुपए की रकम की डकैती हुई। पुलिस का कहना है कि सलेम में जो रकम चोरी हुई थी, उसे संघ के एक कार्यकर्ता एके धर्मराजन का करीबी हवाला डीलर धनराजन केरल ला रहा था। केरल के थ्रिसुर में हुई लूट के मामले में भी धनराजन को गवाह बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि अवैध तरीके से जुटाए गए 40 करोड़ रुपए में 17 करोड़ रुपए सीधे धर्मराजन, धनराजन और अन्य लोग केरल लेकर आए। इसके अलावा 23 करोड़ रुपए कोझिकोड में हवाला एजेंट्स के जरिए लाए जाने थे। चार्जशीट में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के सुरेंद्रन और पार्टी के प्रदेश संगठन महासचिव एम गणेशन पर कैश लेन-देन की जानकारी रखने का आरोप लगा है। इसके अलावा सुरेंद्रन पर धर्मराजन से भी करीबी रिश्ते होने का आरोप है। बताया गया है कि 3 अप्रैल की सुबह जब थ्रिसुर में चोरी हुई, तो धर्मराजन लगातार सुरेंद्रन के बेटे केएस हरिकिशन के साथ संपर्क में था।
पुलिस के मुताबिक, थ्रिसुर में जो 3.50 करोड़ रुपए चोरी हुई। उनमें से 1.46 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए गए हैं। यह ज्यादातर करेंसी या सोने के रूप में मिले हैं और ज्यादातर हिस्सा इस चोरी में गिरफ्तार किए गए 22 आरोपियों द्वारा खर्च कर दिया गाय। भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि असल में पुलिस आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही थी और जिन लोगों को भी कानून की बुनियादी समझ है, वे जानते हैं कि जब ‘राजनीति से प्रेरित’ इस आरोपपत्र को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा तो क्या होगा?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘विशेष जांच दल द्वारा दाखिल आरोपपत्र एक राजनीतिक साजिश है। ऐसा जान पड़ता है कि पुलिस आरोपी से पैसे बरामद करने की इच्छुक रही है। आरोपपत्र काफी हद तक राजनीतिक संकल्प जैसा प्रतीत होता है, जिसका मकसद भाजपा को बदनाम करना है।’