नई दिल्ली। हाल में ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने घर कानपुर पहुंचे थे। वहां उन्होंने अपनी सेलरी का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे 5 लाख प्रति माह तनख्वाह मिलती है, जिसमें से पौने तीन लाख तक टैक्स चला जाता है। हमसे ज्यादा बचत तो एक टीचर की होती है। राष्ट्रपति के इस बयान पर लोगों ने सोशल मीडिया पर तरह-तरह से अपने रिएक्शन देना शुरू कर दिए। लोगों ने सवाल किया कि राष्ट्रपति भी टैक्स देते हैं क्या? एक ट्विटर यूजर ने इस पर कमेंट किया, जहां तक मैंने पढ़ा है राष्ट्रपति के वेतन एवं भत्ते टैक्स फ्री होते हैं? एक अन्य यूजर ने लिखा भारतीय क़ानून ने तो राष्ट्रपति को आयकर से छूट दे रखी है। अब राष्ट्रपति पौने तीन लाख रुपए महीना टैक्स किसको दे रहे हैं, यह देश को पता होना चाहिए।
किसी ने राष्ट्रपति के इस बयान पर लिखा, ‘तो क्या माननीय बचत के लिए राष्ट्रपति बने थे? एक बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के राष्ट्रपति को कितना वेतन मिलता है और उसमें से उसे कितनी बचत होती है, क्या यह बात मायने रखती है? वैसे एक राष्ट्रपति पर सालाना व्यय कितना होता है, वह बहुत ही बड़ी रकम होती है।
तीन दिन के दौरे पर उत्तर प्रदेश पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश पहुंचे हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार महामहिम रविवार सुबह सबसे पहले अपने गांव परौंख पहुंचे। यहां उन्होंने पथरी देवी मंदिर में दर्शन किए और फिर गांव वालों का अभिनंदन करते हुए सभी को धन्यवाद दिया। इसके बाद राष्ट्रपति ने अपनी मातृभूमि को झुककर नमन किया और उसकी मिट्टी को माथे पर लगाया।
राष्ट्रपति के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। राष्ट्रपति हैलीपैड से अपने गांव के पास उतरे। यहां उतरते ही उन्होंने अपनी मातृभूमि की मिट्टी को माथे से लगाकर नमन किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति बनने के लगभग चार साल बाद रामनाथ कोविंद रविवार को पहली बार अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। गांव पहुंचकर उन्होंने पत्नी सविता के साथ पथरी देवी मंदिर के दर्शन किए।

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