एजेंसी।

(नई दिल्ली) कोविड-19 मरीजों के इलाज में सर्जिकल मास्क सबसे कारगर
नई दिल्ली (एजेंसी)। एक अध्ययन में कहा गया है कि एन-95 मास्क के बारे में दावा है कि वे हवा में मौजूद बेहद मामूली कणों को भी रोकने में 95 फीसदी तक कारगार हैं और ऐसे में इन मास्क को कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बचाकर रखा जाना चाहिए। एन-95 मास्क उन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहद जरूरी है जिन्हें मरीजों के गले में श्वसन नली डालने जैसा नाजुक काम करना पड़ता है। इन्फ्लुएंजा एंड अदर रेस्पीरेट्री वायरसेज’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने 1990 से पिछले महीने तक इस्तेमाल में लाए गए मास्क पर हुए चार नैदानिक परीक्षणों की व्यवस्थित समीक्षा की। समीक्षा में पता चला ये मास्क वायरल की चपेट में आने या श्वसन संबंधी रोग को बढ़ने से रोकते हैं। समीक्षा में कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी शामिल थे। वैज्ञानिकों का कहना कि कसकर लगाए गए एन-95 मास्क हवा में फैले सूक्ष्म कणों को मानव शरीर के भीतर जाने से रोकते हैं और कोविड-19 मरीजों के गले में सांस की नली डालने में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ये मास्क सबसे कारगर हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि रोगी के लगे में सांस की नली डालते वक्त इसका खास ख्याल रखा जाना चाहिए। मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में पैथोलॉजी एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफेसर मार्क लोएब ने कहा, ”राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों में सर्वसम्मति से अनुशंसा की गई है कि एयरोसोल प्रक्रिया के दौरान एन-95 लगाए जाने चाहिए।

Previous articleकोरोना संक्रमण हुआ 5000 के पार, 150 मौतें, 421 लोग ठीक भी हुए।
Next articleपाक क्रिकेट टीम के 8 खिलाड़ियों की फिटनेस पर मोहसिन ने उठाए सवाल|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here