देश भर में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों पर किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि मजदूरों का पलायन, लोगों में जागरूकता की कमी, अस्पतालों की तैयारियों और ढांचे का पर्याप्त नहीं होना कुछ गंभीर खामियां हैं जिससे वायरस से निपटने में दिक्कत आ रही है। यह सर्वेक्षण सेंटर टू कॉम्बैट कोविड-19 ने किया है।कोविड-19 राष्ट्रीय तैयारी सर्वेक्षण 2020 देश भर के 410 जिलों में 25 से 30 मार्च के बीच कराया गया ताकि स्वतंत्रता के बाद देश के समक्ष आ रहे सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट के दौरान प्रशासनिक दिक्कतों का जायजा लिया जा सके। कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह जानकारी दी गई।

कार्मिक राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने बृहस्पतिवार को सर्वेक्षण जारी किया जिसमें बताया गया कि भारत की प्रतिक्रिया ‘‘सुसंगत, उद्देश्यपूर्ण और प्रतिबद्ध है।’’मंत्री ने कहा, ‘‘महामारी से लड़ने में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर समन्वय रहा।’’ सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि जनता कर्फ्यू, देशव्यापी बंद, 1.7 अरब रुपये का आर्थिक पैकेज, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की घोषणाओं जैसे कदमों को लोगों का व्यापक समर्थन हासिल हुआ।उन्होंने 21 दिनों का लॉकडाउन लागू करने में नौकरशाहों, चिकित्सकों, नर्स, स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों, पुलिस अधिकारियों की भूमिका की सराहना की।जिला कलेक्टर एवं अन्य पदों पर काम कर रहे 2014-18 बैच के काफी संख्या में आईएएस अधिकारियों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया।

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