स्कूली बच्चों के लिए दिल्ली सरकार की परियोजना ‘हैप्पीनेस क्लासेज’ रविवार से फिर से शुरू होगी। कोविड-19 के मद्देनजर देश में लागू लॉकडाउन (बंद) के बीच छात्र अपने घरों से ही कक्षा में भाग ले पाएंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस मुश्किल समय में ‘हैप्पीनेस क्लासेज’ (खुशी की पाठशाला) की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘‘हैप्पीनेस क्लासेज’ के पीछे का उद्देश्य बच्चों को आत्मविश्वासी बनाना है और खुद को बेहतर तरीके से जानना है। हमारे स्कूलों में हर रोज सभी 16 लाख छात्र माइंडफुलनेस (खुद को सचेत रखने की प्रक्रिया) का अभ्यास करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी आज चिंता से ग्रसित हैं। ये सामान्य दौर नहीं है और हमें नहीं पता कि मनोरंजन के रूप में क्या करना है।

हम बाहर नहीं जा सकते, सिनेमाघर नहीं जा सकते या पार्कों में नहीं बैठ सकते, हम अपने परिवार के साथ अपने घरों तक ही सीमित हो गए हैं।’’ ऐसे समय में हैप्पीनेस क्लासेज के महत्व को रेखांकित करते हुए शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा, ‘‘हैप्पीनेस क्लासेज की गतिविधियाँ अब माता-पिता द्वारा घर पर हर रोज आयोजित की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने शिक्षकों की मदद से लगभग 8 लाख छात्रों और उनके परिवारों को ध्यान का अभ्यास कराने में सहायता करेंगे। यह हमारे घरों में माहौल को सकारात्मक बनाने और परिवारों को एक साथ अच्छा समय बिताने के लिए प्रेरित करने के लिए महत्वपूर्ण है।’’

 

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