मदरलैंड संवाददाता, गोपालगंज
गोपालगंज। कुचायकोट प्रखंड कोरोना वायरस और लाॅक डाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित जो हुए हैं, वह हैं मजदूर, आज जिस तरह प्रवासी मजदूर लावारिसों की तरह अपनी सारी जमा पूंजी खर्च करके लाॅक डाउन की विभीषिका को झेलने के लिए अपने गांव की तरफ पलायन कर रहे हैं। अजीब विडंबना है, लाॅक डाउन का जहां अमीर घर में बंद हैं, और गरीब रोड पर चल रहा है। तथा दर-दर की ठोकरें खा रहा है। यही हाल है, कुचायकोट थाना क्षेत्र के अंतर्गत जलालपुर गांव में स्थित राजकीय मध्य विद्यालय नेचुआ जलालपुर का जहां पर लगभग 50 की संख्या में प्रवासी मजदूर आ गए हैं। उनका देखभाल करने वाला कोई नहीं है। जबकि जिला प्रशासन और स्थानीय मुखिया की जिम्मेवारी है, कि दूसरे प्रांतों से आए प्रवासी मजदूरों की जो अपने गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं। उनका देखभाल और जरूरत की हर सुविधा कराएं, परन्तु यहां पर कोई सुविधा नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण यहां आए प्रवासी मजदूर लाचार होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। और धरना पर बैठे हैं। यहां प्रदर्शन करने वाले मजदूरों का कहना है, कि नहीं खाना-पानी दिया जा रहा है। कोई देखने भी नहीं आता, हम लोग अपने मन से रह रहे हैं। और साफ- सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। विद्यालय का झाड़ू था, वह भी टूट गया। हम लोग मिलकर खरीद रहे हैं। या घर से मंगा रहे हैं। अभी तो खुद हम सभी साफ-सफाई कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या हैं, वह हैं। जो सारी रात मच्छर सोने नहीं देते हैं। सारी रात मच्छर भगाने में लग जाता है, और सो नहीं पाते हैं। इसी समस्या से जूझ रहे, प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन और धरना पर बैठे हैं। और बोल रहे हैं, कि अब व्यवस्था अगर ठीक नहीं हुआ। तो हम सभी लोग अपने-अपने घर चले जाएंगे।