मदरलैंड संवाददाता, बनमा ईटहरी , सहरसा

बनमा ईटहरी प्रखंड क्षेत्र के घोड़दौड़ पंचायत के पहलाम इस्लामिया हाई स्कूल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों ने गुरुवार को अंचलाधिकारी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया I इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि हम लोगों को रात में खाने के लिए चावल दिया जाता है और दिन में भी चावल ही दिया जाता है, जिससे कि सर्दी खांसी होने का ज्यादा आशंका बना रहता है I अगर इसी तरह से चलता रहा तो हम लोग जल्द ही अस्वस्थ हो जाएंगे और फिर हम लोगों को कोरोना संक्रमण अपने चपेट में ले लेगा I वहीं इन प्रवासी मजदूरों ने बताया कि हम लोग दिल्ली से आए हुए हैं, वहां से जब हम लोग चले थे तो गोपालगंज में हम लोगों को 10 दिनों तक रखा गया और वहां सारी सुख सुविधा दी जाती थी और अपने घर वापस आने पर प्रशासन द्वारा हम लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भेड़ बकरियों की तरह अंचलाधिकारी की निगरानी में रख दिया गया I ना ही हम लोगों को नाश्ता दिया जाता है और ना ही समय से खाना दिया जाता है और रहने की अगर बात की जाए तो जब तक लाइट रहता है तब लाईट कट जाती है तो मच्छर की वजह से हम लोग रात को सो नहीं पाते हैं । बताते चलें कि विभिन्न राज्यों से आए हुए प्रवासी मजदूर इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है 14 दिनों के लिए जिसमें कि 46 मजदूर अभी तक इस सेंटर में रखा गया है, वही इस विषय पर जब हमने बनमा इटहरी अंचलाधिकारी अक्षय वट तिवारी ने बताया कि जिलाअधिकारी द्वारा क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर रहे व्यक्तियों के लिए 90 रुपए प्रति  व्यक्ति के हिसाब से आवंटित की जाती है, हम लोगों को इसी में सेंटर चला रहे प्रवासी मजदूरों को खाना देना है खाना बनाने वाले रसोइयों को उसका देहाड़ी देना है, उसको भी खाना देना है, और सुरक्षाकर्मी गार्ड को भी उसी 90 रूपए में से खाना देना है I इतनी कम राशि में कैसे हम इतना व्यवस्था कर पाएंगे I

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