दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इस सत्र में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली खेल विश्वविद्यालय 2019 बिल पेश किया। ये बिल विधानसभा में पास कर दिया गया है। वहीं दिल्ली खेल विश्वविद्यालय 2019 बिल पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये बिल इस सपने के साथ पेश किया जा रहा है कि ये देश ज्यादा से ज्यादा गोल्ड ओलंपिक में जीत सके। उन्होंने कहा कि हमारे बचपन से भारत एक विकासशील देश है। आज तक विकसित नहीं हुआ। पीढ़िया की पीढ़िया निकल गई पर विकास नहीं हुआ। शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम कर देश को विकसित किया जा सकता है। इसलिए दिल्ली सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के सुधार पर हमेशा से ही जोर देती आई है। खेल की शिक्षा से भी देश को विकसित किया जाएगा।

खेल के स्थान पर पढ़ाई को समाज में ज्यादा जोर दिया जाता है..
जब कोई खिलाड़ी मेडल लेकर आता है तो सभी सरकारें उसको पुरस्कार देती हैं, लेकिन उसके संघर्ष के दिनों में उसके साथ कोई नहीं होता। खेल के स्थान पर पढ़ाई को समाज में ज्यादा जोर दिया जाता है। सिसोदिया ने कहा कि सार्वजनिक रूप से खिलाड़ी को हिम्मत देने का काम शुरू होना चाहिए। दिल्ली सरकार ऐतिहासिक कदम उठा कर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का बिल लेकर आई है। उन्होंने बताया कि नेशनल गेम्स में दिल्ली के स्कूलों को 2015-16 374 गोल्ड, 2018-19 में 484 गोल्ड जीते हैं।

नए स्टेडियम बनाने से कुछ नहीं होगा
बता दें कि सिसोदिया ने कहा कि नए स्टेडियम बनाने से कुछ नहीं होगा। राष्ट्र के रूप में योजना बनाकर खिलाड़ियों को सपोर्ट करना होगा। खिलाड़ियों को भरोसा दिलाने के लिए एक बड़े विजन के साथ मैं सदन में ये बिल पेश करता हूं। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी दिल्ली की खेल प्रतिभाओं के लिए हॉलिस्टिक प्लान बनाएगी। मैं इस लक्ष्य के साथ ये बिल पेश करात हूं कि 6 साल के अंदर-अंदर 2024 में पैरिस के ओलंपिक में कम से कम 3 गोल्ड मैडल इस यूनिवर्सिटी के छात्र लेकर आएंगे। अगले ओलंपिक में इसे 10 गोल्ड तक पहुंचाएंगे।

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