भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख डॉ. के. सिवन ने कहा है कि गगनयान के लिए इसरो और एयरफोर्स ने मिलकर 12 अंतरिक्ष यात्री चुने हैं। हम इन अंतरिक्ष यात्रियों को रूस भेजेंगे। आशा है कि अक्टूबर अंत या नवंबर की शुरुआत में इन अंतरिक्ष यात्रियों को रूस पहुंचा दिया जाएगा। इसके बाद रूस के ट्रेनिंग सेंटर में चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया जाएगा। बाकी लोग वापस आ जाएंगे।

गगनयान मिशन तीन हिस्से में पूरा ​होगा
चयन किए गए चार अंतरिक्ष यात्रियों का 15 माह का कठिन प्रशिक्षण होगा। इसके बाद दिसंबर 2021 में चार में से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। हालांकि, अभी चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में महिला एस्ट्रोनॉट शामिल नहीं हैं। सिवन ने ये बातें अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में हुए चौथे ISSE नेशनल कॉन्फ्रेंस-19 के दौरान कही है। सिवन ये भी कहा कि गगनयान मिशन तीन हिस्से में पूरा किया जाएगा। सबसे पहले दिसंबर 2020 में पहला मानवरहित यान अंतरिक्ष में पहुँचाया जाएगा। ताकि प्राथमिक स्तर पर उसकी आवश्यक प्रणालियों की जांच की जा सके। यान के लौटकर आने के बाद उसमें आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।

ISRO मानव भेजने का जोखिम नहीं उठा सकता..
डॉ. के. सिवन ने बताया कि इसके बाद जुलाई 2021 में दोबारा एक मानवरहित यान अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यान के लौट कर आने के बाद उसकी सभी आवश्यक प्रणालियों की जांच की जाएगी। जरूरी होने पर परिवर्तन किए जाएंगे, फिर आखिर में दिसंबर 2021 को गगनयान को तीन यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। डॉ.के. सिवन ने बताया कि दोनों मानवरहित मिशन इसलिए जरूरी हैं ताकि सभी आवश्यक प्रणालियों की जांच की जा सके। क्योंकि अंतरिक्ष में इंसानों के भेजने से पहले ISRO कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है।

Previous articleगूगल ने अपने 21वें जन्मदिन पर 20 वर्षों के सफर को किया याद
Next articleशरद पवार ने ईडी कार्यालय जाने से किया इंकार…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here