मदरलैंड संवाददाता, बगहा /बाल्मीकि नगर
स्विट्जरलैंड की छाप छोड़ने वाली बाल्मीकि टाइगर रिजर्व की इको पार्क, नौका विहार तथा जंगल सफारी की बिरानगी से पर्यटन विभाग को लाखों रुपए की क्षति पहुंची है। एक तरफ गर्मी के मौसम में देश के कोने कोने से पहुंचने वाले पर्यटक भारत नेपाल सीमा को जोड़ने वाली बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व अभिवादन के लिए सदा तत्पर रहता था। आज वैश्विक महामारी संक्रमण बीमारी को लेकर सभी देशों ने जिस तरह से विषम परिस्थिति को झेल रहा है। साथ ही विश्व के बड़े-बड़े देशों ने इस बीमारी से घुटने टेक दिए तथा लाखों लोगों ने अपनी जान गवा बैठे। तथा लाखों लोगों में संक्रमण बीमारी फैल चुकी है। जिसके चलते सभी देश भयाक्रांत है। अब इस बीमारी को लेकर भारत सरकार द्वारा लॉक डाउन पिछले 23 मार्च से लगाकर पूरे देशवासियों को अपने घरों में रह कर कोरोना जैसी घातक बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए लगातार अपील किया जाता रहा है । इस तरह की संकट की घड़ी में लोग अपने घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। इस दौरान बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि लॉक डाउन को लगने से टाइगर रिजर्व के पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की संख्या बिल्कुल शून्य हो गई है। जिसके चलते यहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है। एक समय था जब इस स्थल पर सैलानियों की हलचल काफी तेज होती थी। वही स्कूली बच्चों की कौतूहल व किलकारियों से इको पार्क झूला आदि स्थलों पर सराबोर हो जाता रहा है। बता दें कि पिछले वर्ष बिहार के मुखिया नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपनी पूरी टीम के साथ पटना से चलकर बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में बने इको पार्क पर्यटन स्थल की जोरदार ढंग से उद्घाटन कर पर्यटकों के लिए एक बेहतर पर्यटन स्थल को सुसज्जित ढंग से बेमिसाल ढंग से किया था ।उसके बाद से यूपी बिहार एवं नेपाल से पर्यटकों की भारी संख्या में जमावड़ा लगी रहती थी। यहां तक कि बिहार की राजधानी पटना राजगीर नालंदा से शनिवार के दिन बाल्मीकि नगर के लिए बस तथा अन्य सवारियों से लोग लगातार पहुंच रहे थे। पर्यटकों के लिए विशेष रुप से बाल्मीकि आश्रम नर देवी माई अस्थान जटाशंकर मंदिर दुर्गा मंदिर जंगल सफारी गंडक नदी पर बने विशालकाय पुल आदि पर्यटन स्थलों का भरपूर आनंद उठाते रहे हैं। वही शायं कालीन में गंडक बराज पुल के उत्तर दिशा में नेपाल अवस्थित हिमालय पहाड़ों की खूबसूरती देखते ही बनती थी।
“प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पहुंचते थे सैलानी”
प्रतिवर्ष लाखों सैलानी बीटीआर की पर्यटन स्थल को दीदार करने के लिए पहुंचे थे। जिसमें जंगलों के साथ-साथ धार्मिक स्थल नौका विहार गंडक बराज पुल झूला सहित अनेकों स्थलों का दौरा कर इंजॉय करते थे। साथ ही नेपाल की मनोरम दृश्य को देख सैलानियों को दिल को लुभाने वाली परिदृश्य से ओतप्रोत है। इसके दौरान टाइगर रिजर्व के कैंटीन प्रबंधक शशि भूषण सहाय उर्फ बबलू सहाय ने बताया कि इसको रोना काल में सैलानियों को रोककर करोड़ों की घाटा टाइगर रिजर्व को हुआ है।