नई दिल्ली। 26 जनवरी को हुए किसान-पुलिस संघर्ष के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे देश में सदभावना दिवस मनाने की घोषणा की है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि दिल्ली समेत पूरे देश में जहां-जहां कृषि कानूनों के विरोध में धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं भूख हड़ताल की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी देशवासियों ने एकदिवसीय भूख हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। साथ उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर किसान आंदोलन को बदनाम करने का आरोप लगाया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि 26 जनवरी का षडयंत्र भाजपा के लोगों द्वारा सुनियोजित था।
जिसका सहारा लेकर किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है
मोर्चे की ओर से कहा गया कि 99 प्रतिशत किसानों ने पुलिस द्वारा तय रूट पर ही ट्रैक्टर मार्च निकाला था। भाजपा के लोगों ने लाल किले पर जाकर उत्पात मचाया, उनके हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से डा.दर्शनपाल सिंह ने गाजीपुर बार्डर पर डटे किसान नेता राकेश टिकैत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने किसान के लिए चल रहे आंदोलन में मजबूती से सरकार का मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, भाजपा और आरएसएस के लोग आंदोलन को तोड़ने और किसानों को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।
शुक्रवार को सिंघु बार्डर पर हुए टकराव को लेकर किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि यह पूरी तरह से सुनियोजित था
इसके लिए भाजपा कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि भाजपा की ओर से किसानों पर तिरंगे झंडे का अपमान करने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि झंडे का सबसे अधिक सम्मान हम ही करते हैं। किसानों के ही बच्चे तिरंगे झंडे में लिपटकर आते हैं, जिसे हम छाती से लगाकर सारी उम्र याद कर रोते हैं।
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