जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की अध्यक्षता में फिलिस्तीन सहित पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया पर केंद्रित बैठक हुई। इस बैठक में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने फिलिस्तीन को दी जा रही मदद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में श्रृंगला ने गाजा पट्टी में हाल के तनाव पर भी चिंता जताई।
हर्षवर्धन श्रृंगला ने सभी पक्षों से क्षेत्रीय तनाव को कम करने और बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की। हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि फिलिस्तीनियों को वर्क परमिट की संख्या बढ़ाने के इजरायल के निर्णय से दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी। फिलीस्तीनी प्राधिकरण के कोविड-टीकाकरण प्रमाणपत्रों की मान्यता और गाजा पट्टी से वेस्ट बैंक तक मरीजों के आने-जाने की सुविधा सकारात्मक संकेत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उन सभी उपायों का स्वागत करता है, जो फिलिस्तीनी लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अधिक अवसर पैदा करते हैं।
भारतीय विदेश सचिव ने बताया कि फिलिस्तीन के साथ भारत का विकास सहयोग भी इसी उद्देश्य की ओर अग्रसर है। हमने स्कूलों के निर्माण, आईसीटी और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, एक प्रौद्योगिकी पार्क और एक राष्ट्रीय प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में कई अन्य त्वरित प्रभाव वाली सामुदायिक परियोजनाओं का समर्थन कर रहे हैं। गाजा पट्टी में बढ़ते हालिया तनाव पर चिंता जताते हुए भारत ने सोमवार को संघर्ष से जुड़े सभी पक्षों से ऐसे कृत्यों से दूर रहने का आह्वान किया जो क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकते हैं और सुरक्षा हालात को खराब कर सकते हैं।
श्रृंगला ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जल्द उच्च स्तरीय वार्ता शुरू होने की भी आशा व्यक्त की, जोकि सभी अंतिम मुद्दों को हल करने के लिए सर्वोत्तम अवसर प्रदान करे और मुद्दे का दो-राष्ट्र समाधान प्राप्त कर सकें। अगस्त माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले श्रृंगला ने कहा कि हम गाजा पट्टी में तनाव में हालिया वृद्धि से चिंतित हैं, जो एक बार फिर युद्धविराम की भंगुरता और तनाव को बढ़ाने वाले कारणों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। विदेश सचिव ने कहा कि भारत संघर्ष के सभी पक्षों से युद्धविराम का सम्मान करने और ऐसे कृत्यों से दूर रहने का आह्वान करता है, जो तनाव को बढ़ा सकते हैं और सुरक्षा स्थिति को कमजोर कर सकते हैं। श्रृंगला ने कहा कि इजराइल और फलस्तीन के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता प्रत्यक्ष शांति वार्ता को बहाल करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान कर सकती है।

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