• मार्केट में पुराने टायरों की बढ़ी डिमांड

नई दिल्ली। ‎दिल्ली में टायर गैंग ने बाहर खड़ी गाड़ियों के टायरों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है। राजधानी के जंगपुरा एक्सटेंशन, जनकपुरी, साउथ एक्स और मियांवाली नगर पश्चिम विहार समेत कई इलाकों में ऐसी वारदातों को अंजाम ‎दिया गया है। यहां रात को पार्क की गईं कारें सुबह ईंटों पर खड़ी मिलीं। इन सभी के टायर चुराए जा चुके थे। टायर चुराने वाले कुछ मामलों में पकड़े गए मुलजिमों से पुलिस पूछताछ में पता लगा है कि असल में मार्केट में पुराने टायरों की बढ़ती डिमांड और टायर चुराने पर पुलिस के पकड़े जाने की कम संभावनाओं के चलते ही दिल्ली में टायर गैंग हावी होता जा रहा है। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि आने वाले समय में टायर और साथ ही बैट्री चोरी होने की घटनाओं में और बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि मॉनसून सीजन में इन सभी की डिमांड बढ़ जाती है। फिर कोरोना काल में जहां लोगों की कमाई पर सीधा फर्क पड़ रहा है। ऐसे में पुराने टायरों की मार्केट और जोर पकड़ेगी। लोग सस्ते और अच्छे टायरों को खरीदना चाहेंगे। जिसके चलते टायर गैंग और अधिक टायर चुरा सकता है। हाल ही में टायर चुराने वाले मामले में कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस ने दो मुलजिमों को पकड़ा था। उनसे पूछताछ में पता लगा कि असल में कार या बैट्री चुराने से कहीं अधिक अब टायरों को चुराने वाला धंधा फायदे का लग रहा है। क्योंकि पहले तो चुराए गए टायरों की कोई पहचान नहीं होती, दूसरे जब पहचान ही निश्चित नहीं होगी तो पुलिस को भी उन तक पहुंचने में समय लगेगा। फिर कोरोना के चलते जगह-जगह बैरिकेडिंग और जांच की वजह से कार चुराने में रिस्क बढ़ रहा है। इस वजह से भी टायर चुराना अधिक आसान है। और फिर चुराए गए टायरों को बेचना बहुत ही आसान है। इनकी मार्केट में बहुत डिमांड हैं। कितने ही गाड़ियों की मरम्मत करने वाले, पुराना माल बेचने वाले और अन्य जगह पुराने टायरों को आसानी से बेचा जा सकता है। कारों से इन्हें निकालना भी आसान है।

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