• नई सरकार के बारे में नहीं किया गया कोई ऐलान

कॉनाक्री। कहते है जहां विश्वास होता है वहीं विश्वासघात भी होता है। ऐसा ही पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी में हुआ यहां राष्ट्रपति के सबसे विश्वासपात्र रहे कर्नल ममादी डोंबोया ही यहां तख्तापलट कर दिया। तख्तापलट के बाद बागी सैनिकों ने नई सरकार के बारे में कोई ऐलान नहीं किया है। बागियों का नेतृत्व कर रहे कर्नल ममादी डोंबोया ने देश के सभी बॉर्डर को बंद करने का आदेश दिया है। सबसे ज्यादा हैरानी कर्नल ममादी के तख्तापलट के फैसले पर जताई जा रही है। ममादी बीते 12 सालों से राष्ट्रपति के वफादार रहे हैं। ऐसी कई तस्वीरें हैं जिसमें ममादी को राष्ट्रपति के पीछे छाता लेकर खड़े देखा जा सकता है। रविवार शाम देश के राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में लेकर किसी गुप्त स्थान पर ले जाया गया था। सैनिकों की हिरासत में मौजूद कोंडे का एक वीडियो सामने आया। देश में लोकतंत्र की स्थापना के लिए ममादी ने राष्ट्रपति कोंडे का पूरा साथ दिया था। गिनी के इतिहास में पहली बार 2010 में लोकतांत्रिक चुनाव हुए, जिसमें कोंडे भारी बहुमत से विजयी हुए। पिछले साल लगातार तीसरी बार कोंडे राष्ट्रपति चुनाव जीते, जिसमें कर्नल ममादी उनके साथ रहे।
रिपोर्ट के अनुसार तख्तापलट करने वाले ममादी गिनी की स्पेशल फोर्स के प्रमुख हैं। यह स्पेशल फोर्स सीधे राष्ट्रपति को रिपोर्ट करती है। ममादी 2010 से पहले कई सालों तक बुर्कीना फासो में रहे। यहां उन्होंने अमेरिका और फ्रांस की सेना से कमांडो बनने की ट्रेनिंग ली थी। गिनी की सेना के एक विद्रोही कर्नल ने रविवार को सरकारी टेलीविजन पर घोषणा करते हुए बताया कि राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलाबारी के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की सरकार भंग कर दी गई है। साथ ही देश की जमीनी सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। हालांकि, गिनी के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विद्रोही बलों द्वारा राष्ट्रपति भवन पर हमले को नाकाम कर दिया गया है। रविवार की सुबह राजधानी कॉनाक्री में राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी हुई थी। दावा किया गया था कि इस हमले के पीछे एक पूर्व फ्रांसीसी सेनापति ममादी डोंबोया के नेतृत्व में गिनी की सेना के एलीट कमांडो शामिल थे। गिनी के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे और आठ अन्य सशस्त्र सैनिकों से घिरे एक अज्ञात सैनिक ने प्रसारण में कहा कि उन्होंने एक कार्यवाहक सरकार बनाने की योजना बनाई है। हालांकि, विद्रोही गुट ने इस सरकार के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बाद में इससे संबंधित ब्यौरा सार्वजनिक किया जाएगा।

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