अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में एक साल से ज्यादा का वक्त है। इससे पहले कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब चुनाव में अपनी किस्मत आजमानी है। पर पार्टी गुजरात चुनाव को लेकर काफी गंभीर है। पार्टी की कोशिश है कि किसी भी तरह इस बार सत्ता की दहलीज तक पहुंच जाए। इसलिए पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखते हुए रणनीति का खाका बनाना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव तैयारियों की शुरुआत गुजरात के नए प्रभारी के ऐलान के साथ होगी। पार्टी चुनाव को ध्यान में रखते हुए नए प्रभारी को नियुक्त करेगी। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस में बदलाव और घर वापसी होगी। वर्ष 2017 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने की जिद की वजह से कांग्रेस छोड़ने वाले शंकर सिंह वाघेला की वापसी हो सकती है। पार्टी की नजर ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि अल्पेश भाजपा में बहुत खुश नहीं है, ऐसे में चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं। गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाड़िया कहते हैं कि शंकर सिंह वाघेला की वापसी से कोई नुकसान नहीं है। पार्टी को जातीय समीकरणों के साथ तालमेल बनाकर चुनाव लड़ना होगा। कांग्रेस नेता मानते हैं कि पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा सरकार के खिलाफ ज्यादा नाराजगी है। पर इस नाराजगी को वोट में तब्दील करने के लिए मजबूत संगठन की जरूरत है। लिहाजा नए प्रभारी को भाजपा का मुकाबला करने के लिए संगठन को मजबूत करना होगा। इसके साथ दूसरी पार्टियों से आए नेताओं के बजाय भरोसेमंद नेताओं पर दांव लगाना होगा।
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रभारी के तौर पर राजीव सातव ने संगठन को नए सिरे से मजबूत बनाने की शुरुआत की थी। पर कोरोना संक्रमण की वजह से उनके निधन के बाद यह काम थम गया है। इसके साथ पार्टी को उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। क्योंकि पार्टी को जीत के साथ ऐसे प्रत्याशी चाहिए, जो हर हाल में कांग्रेस के साथ खड़े रहें।

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