नई दिल्ली। भारत ने आखिरी बार साल 2007 में इंग्लैंड में सीरीज जीती थी। तेज गेंदबाज जहीर खान ने तीन टेस्ट मैचों में 20 विकेट लिए थे। नॉटिंगम में जैली बीन घटना के बाद जहीर ने अपनी ऊर्जा को केंद्रित किया और बाएं हाथ के इस पेसर ने दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर भारत की शानदार जीत की इबारत लिखी। जब पहली पारी के दौरान जहीर खान बल्लेबाजी कर रहे थे तब स्लिप में खड़े केविन पीटरसन ने उन पर जैली बीन फेंकी थी। इससे जहीर बहुत क्रोधित हो गए थे।
कुछ इसी तरह की घटना इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह के साथ हुई। जब वह बल्लेबाजी करने आए तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने उन पर लगातार बाउंसर फेंके, लेकिन बुमराह ने शानदार अंदाज में इसका जवाब दिया। उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल का खेल दिखाया और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। जसप्रीत बुमराह ने जिस तरह अपने गुस्से को दबाया उसे देखकर जहीर खान काफी खुश हैं।
उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि इस दौरान बुमराह ने अपना आपा नहीं खोया। जहीर ने कहा अगर गुस्सा होकर वह खुद को इस तरह संभाल सकते हैं और ऐसा प्रदर्शन कर सकते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें कई बार खुद विपक्षी टीम को छेड़ना चाहिए। देखिए, वह कितने अच्छे गेंदबाज हैं, लेकिन पहली पारी में उन्होंने कोई विकेट नहीं लिया। मुझे लगता है कि वह इस बात को लेकर काफी फिक्रमंद रहे होंगे।
इस घटना की शुरुआत इंग्लैंड की पारी से हुई। यहां जसप्रीत बुमराह ने बल्लेबाजी करने उतरे जेम्स एंडरसन को कुछ बाउंसर्स फेंके। इंग्लैंड के महान खिलाड़ी को यह बात पसंद नहीं आई। जहीर ने कहा इसके बाद घटना ने नया मोड़ ले लिया। इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने भी बुमराह को शॉर्ट पिच बोलिंग की। सभी से बुमराह को काफी प्रेरणा मिली।
उन्होंने अपने गुस्से को केंद्रित किया। जिस जज्बे के साथ उन्होंने गेंदबाजी की उसकी तारीफ तो बनती है। जब इंग्लैंड की टीम बल्लेबाजी कर रही थी। तब ओली रॉबिनसन और जोस बटलर मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे। ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड मैच को बचाकर ले जाएगा। ऐसे समय पर बुमराह ने एक शानदार स्लो बॉल फेंकी जिस पर रॉबिनसन चूक गए। वह विकेट के सामने पकड़े गए और एलबीडब्ल्यू हो गए।
जहीर ने कहा स्लो बॉल फेंकना एक चुनौतीपूर्ण काम है। लेकिन इसे राउंड द विकेट फेंकना और इस एंगल से बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू करने के लिए आपको विकेट के काफी करीब से गेंदबाजी करनी होती है, जो कभी आसान नहीं होती। बुमराह ने एक काफी मुश्किल काम को अंजाम दिया।

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