मदरलैंड संवाददाता, पटना

आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर बुधवार को राज्य भर में एक दिवसीय सांकेतिक उपवास लाँकडाऊन का पालन करते हुए किया।
 पार्टी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों ने अपने-अपने घरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए एक दिवसीय उपवास रखा।पार्टी के मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता बबलू प्रकाश ने कहा कि इस उपवास का उद्देश्य दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के मजदूरों को सकुशल बिहार लाने व उन पर हो रहे शोषण और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना था।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य की नीतीश सरकार दिल्ली एवं देश के अन्य अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों, मजलूम कामगारों और असहायों लोगो को बिहार उनके अपने घर वापस नहीं बुला रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार घर वापसी के इच्छुक मजदूरों को 100 ट्रेनों से भेजना चाहती है लेकिन नीतीश सरकार इजाजत नहीं दे रही है।
 विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष सुयश कुमार ज्योति के घर पर पूरी टीम के साथ एक दिवसीय उपवास में बैठे।
बबलू ने कहा- मुख्यमंत्री जी, सूबे से बाहर फंसे मजदूरों को वापस नही बुलाना चाहते हैं। बिहार के मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं। वहां पर वे भूखे प्यासे हैं। उनकी चिंता नीतीश जी को नहीं है. हालत ये है कि परेशान होकर हजारों गरीब और मजदूर पैदल सैकड़ों-हजारों किलोमीटर चल कर बिहार आ रहे हैं। उनके साथ दुर्घटना भी हो रही है, कई लोग मौत के आगोश में चले गए। इधर सूबे के मुखिया उनके वापसी को लेकर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि मजदूरों के मामले में नीतीश सरकार गैरों पे करम कर रही है और अपनों पे सितम होते देख रही है। यह ठीक नही।
आम आदमी पार्टी बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा- कोटा से छात्रों को बुलाया जा सकता है, विदेशों में फंसे लोगों को बुलाया जा सकता है तो बिहार के बाहर फंसे मजदूरों-कामगारों को बिहार सरकार सम्मान पूर्वक अबिलंब बुलाए।

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