दिल्ली से भाजपा सांसद और पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर की मुश्किलें बढती दिखाई दे रही हैं। दिल्ली की साकेत कोर्ट में गंभीर के खिलाफ एक चार्जशीट दाखिल की गई है, जिसमें लगभग 50 फ़्लैट खरीदारों ने शिकायत की है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक किए थे, किन्तु लगभग आठ साल बाद भी खरीदारों को उनके फ्लैट नही मिले। इस प्रोजेक्ट के ब्रांड एंबेसडर गौतम गंभीर थे।

करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का मामला..
दरअसल वर्ष 2011 में ‘रूद्र बिल्डवेल रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘एचआर इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड’ के एक संयुक्त प्रोजेक्ट के लिए गौतम गंभीर ब्रांड एंबेसडर बने थे। इस मामले में उनके विरुद्ध 2016 में हाउसिंग प्रोजेक्ट की बुकिंग के बहाने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के जुर्म में केस दर्ज किया गया था।

परियोजना का अनुमोदन रद्द
साकेत कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में पुलिस ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 6 जून 2013 को खरीदारों को फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन इसके एक वर्ष बाद भी फ़्लैट के नाम पर खरीदारों को कोरा आश्वासन दिया जाता रहा। 15 अप्रैल, 2015 में अधिकारियों ने जरुरी लाइसेंस फीस आदि के भुगतान और अन्य अव्यवस्था की वजह से परियोजना का अनुमोदन रद्द कर दिया।

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