मदरलैंड संवाददाता, गया

जीविका दीदी के चक्कर में सम्पूर्ण बिहार में मास्क का वितरण का प्रतिशत बहुत कम है। इसका मुख्य कारण यह है कि जितना मास्क की आवश्यकता है जीविका उतना पूरा नहीं कर पा रही है। ज़ीविका द्वारा मास्क का उत्पादन कछुआ के चाल से चल रही है। जबकि कोरोना सुरसा की तरह बढ रही है। इस अवधि में मास्क ही सुरक्षा चक्र का काम कर रहा है।विगत 1 मई को अवर सचिव द्वारा जिलाधिकारी को मिल चुँका है,अन्य जगह से भी मास्क की खरीदारी कर सकते हैं लेकिन पहले जीविका का मतलब सिर्फ जीविका उत्पादित मास्क ही मान रहे है।अधिकांश प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा मुखिया पर विशेष दबाव भी दिया जा रहा है कि जीविका से ही मास्क लेना होगा। इसी
कारण मुखिया सुस्त नजर आ रहे है । इसी कारण जल्द से जल्द मास्क का वितरण में किसी की विशेष रूचि नहीं है। जबकि मास्क ही कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय है। अभी देश में जितना संक्रमित मरीज बढ रहे है 15 जून के बाद उस से अधिक मरने वालो की संख्या होने की संभावना व्यक्तिक जा रही है। फिर भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मास्क खरीदने के अन्य विकल्प पदाधिकारी अथवा मुखिया को दिखाई हीं नहीं दे रही है ।अब भी प्रशासन और मुखिया द्वारा शीध्रता नहीं दिखाया गया तो सोचने का वक्त भी उनके पास नहीं रहेगा। मास्क वितरण का आदेश गत 11 मई को ही आ गयी थी। अगर सरकार समय पर मास्क उपलब्ध नहीं कराती तो आम लोग सरकार के भरोसे हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठे, आप कहीः से भी मास्क खरीद कर प्रयोग करें। क्योंकि मरीजों की संख्या कुछ ही दिनो में काफी बढने वाली है। बाद में पदाधिकारी व मुखिया पर ही गाज गिरेगी। सतर्क रहें, सावधान रहें।

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