मदरलैंड संवाददाता, अररिया
अररिया – कोरोना के कहर से पूरे विश्व के अर्थवयव्था को झटका लगा है, जिससे अररिया भी अछूता नही है | लॉक डाउन के बाद अबतक दस अरब से अधिक के कारोबार का झटका लग चुका है | लॉक डाउन के बाद जिले आवशयक आवशयकता की सामग्री छोड़कर अन्य सारी वस्तुओ की बिक्री पूरी तरह ठपप है । कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक , शिक्षा , हार्डवेयर, निर्माण सामग्री जैसी वस्तुओ की सप्लाई के साथ विक्री पूर्ण रुप से प्रभावित है । यदि पावंदी हटा भी दिए जाए तो इन सेक्टरो को एक माह के घाटे की भरपाई करने में कम से कम 6 माह का अतिरिक्त समय लगेगा । वहीं गृह विभाग का आदेश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने मनरेगा और जल , जीवन हरियाली योजना में कुछ छूट देने का आदेश दिया है ।
काम की आस लगाए हैं छह लाख मनरेगा मजदूर
मनरेगा के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क का और नाला का निर्माण हो सकेगा। इमारतों के काम भी शुरु किये जा सकते हैं । इसके लिए सरकार ने मजदूरों को कार्ड निर्गत करने की बात कही है । शहरी सीमा के अंदर जिन निर्माण स्थल पर मजदूर उपलव्ध हैं, वहां भी निर्माण कार्य किया जा सकता है । शर्त यह होगा सोसल डिस्टेसिंग का सख्त पालन करें । काम करने वाले फेस मास्क पहनकर काम करेंगे । हालाँकि जिले में करीब 6 लाख मनरेगा मजदूर हैं । मनरेगा मजदूरों को कई अन्य योजनाओं में काम देने का निर्णय लिया जा रहा है । जिसके आधार मजदूरों को बड़ी संख्या में काम मिलने की संभावना है ।
मजदूरो कि उपलव्धि से कृषि से क्षेत्र को बढ़ावा
कृषि ,गांव—हालाँकि कोरोना का कहर होने के बाद भी अररिया में कृषि के क्षेत्र में ज्यादा असर देखने को नही मिला | लेकिन मजदूरों की पर्याप्त उपन्ल्ब्धि के बाद किसानो को कृषि कार्य काय्म में काफी सहायता मिलेगी | बैंक, एटीएम, पेट्रोल व डीजल पर पूर्व से भी कोई पाबंदिय नही लगाई गई थी । लेकिन लॉक डाउन के कारण वित्तीय संस्थान प्रभावित हैं । बैंकों में जहां प्रतिदिन करीब एक अरब का कारोबार हो रहा था । पाबंदिय हटने के बाद ऐसे संस्थानों के कारोबार पटरी पर आ सकते हैं । वहीं पेट्रोल डीजल की विक्री भी 20 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान किया जा रहा है।