श्रीनगर। सेना के द्वारा घाटी में आंतकियों के खिलाफ चलाएं जा रहे ऑपरेशन आल आउट के परिणाम सामने आने लगे हैं। घाटी में अब सिर्फ 200 आंतकी ही बचे है। वहीं जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद और आतंकवादियों को कम करने का काम तेजी से जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 200 से कम आतंकवादी सक्रिय हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियान की वजह से आतंकवादियों पर अंकुश लगाकर उनकी संख्या को अब 200 से कम कर पाने में सफल हुए हैं, जबकि कुछ साल पहले यह संख्या 300-350 के करीब होती थी। अभी तक सीमा पार से 26 आतंकवादी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं। 31 जुलाई 2020 तक, 120 स्थानीय और 30 विदेशी आतंकवादियों सहित 150 आतंकवादियों सुरक्षाबलों द्वारा बेअसर कर दिया। वहीं इस साल अब तक 80 स्थानीय आतंकवादियों में से 38 को पहले ही जवाबी कार्रवाई में मार गया और 22 को गिरफ्तार किया। पुलिस प्रमुख ने कहा कि बाकि बचे 20 अभी भी सक्रिय हैं, लेकिन सुरक्षा बल उनकी निशानदेही पर हैं।
डीजीपी के अनुसार, सीजफायर के उल्लंघनों के माध्यम से पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिश कर रहा है,इस नाकाम करना ही प्रमुख मकसद है। पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन जुलाई 2019 से 75 प्रतिशत तक जुलाई 2019 से 487 तक बढ़ गया, जबकि 2020 तक इसी अवधि में। पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की सुविधा के 75 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद हमारी सेना आधे से घुसपैठ को कम करने में कामयाब रही।