आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पी. चिदंबरम की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया कि यदि एनआरसी एक कानूनी प्रक्रिया है, तो गैर-नागरिक घोषित किए गए 19 लाख लोगों के साथ कानून प्रक्रिया किस तरह अपनाई जाएगी।
19 लाख लोगों का क्या किया जाएगा ?
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि यदि बांग्लादेश को आश्वासन दिया गया है कि NRC प्रक्रिया उसे प्रभावित नहीं करेगी, तो इन 19 लाख लोगों का क्या किया जाएगा। कब तक ये 19 लाख लोग अनिश्चितता, चिंता और नागरिक व मानवाधिकारों के बगैर रहेंगे। चिदंबरम ने आगे कहा कि यदि हम महात्मा गांधी के मानवतावाद का जश्न मना रहे हैं तो हमें इन प्रश्नों का भी उत्तर देना चाहिए।
फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं लोग..
बता दें कि सरकार ने NRC सूची से बाहर हुए लोगों के लिए भी प्रावधान कर रखा है, जिसके तहत जिन लोगों का नाम NRC की इस फाइनल लिस्ट में नहीं है वे फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं। हालांकि, 120 दिनों के भीतर यह काम करना होगा। वर्तमान में असम में 100 ट्रिब्यूनल कार्य कर रहे हैं। इसके आलावा ये लोग फॉरेन ट्राइब्यूनल से उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक वे एनआरसी में जगह न मिलने पर अपील कर सकेंगे।