चिन्मयानंद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने ब्लैकमेलिंग मामले में गिरफ्तारी पर रोक की छात्रा की अर्जी ठुकरा दी है। कोर्ट ने कहा है कि यह स्पेशल बेंच है जो केवल SIT जांच की मॉनिटरिंग करेगी। अदालत ने कहा कि अरेस्ट पर स्टे के लिए उसे अलग से नियमित अदालत में अर्जी दायर करनी होगी। अदालत ने छात्रा द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के तहत बयान दोबारा दर्ज कराए जाने की अर्जी भी ख़ारिज कर दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह लोअर कोर्ट के कामों में दखल नहीं देगी।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में स्वामी चिन्मयानंद
उल्लेखनीय है कि, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद अभी जेल में हैं। चिन्मयानंद को आम कैदियों की तरह ही सामान्य बैरक में रखा गया है। उन पर लॉ छात्रा की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के इल्जाम में विशेष जांच दल (SIT) ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
छात्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत
बता दें कि, स्वामी चिन्मयानंद से बीते दिनों 5 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इस मामले में छात्रा को भी अभियुक्त बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक, इल्जाम लगाने से पहले छात्रा ने चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की मांग की थी। छात्रा के खिलाफ SIT के पास पुख्ता साक्ष्य मौजूद होने का दावा किया जा रहा है।