काफी समय से पूर्व गृहराज्य मंत्री चिन्मयानंद पर दुराचार के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी ने बीते बुधवार यानी 11 दिसंबर 2019 को सीलबंद लिफाफे में प्रगति रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की और कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी कोर्ट के समक्ष हलफनामा के जरिए दाखिल करने का निर्देश दिया है। जहां इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 8 जनवरी 2020 नियत की है।
अधिकारियों को उपस्थिति से छूट
जानकारी मिली है कि कोर्ट ने एसआईटी टीम के अधिकारियों को उपस्थिति से छूट दे दी है। टीम के अधिकारी कोर्ट में हाजिर थे। वहीं कोर्ट ने पीड़िता के अधिवक्ता रवि किरण जैन को दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है।
कोर्ट ने एसआईटी से मांगा जवाब
वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट की खंडपीठ दुराचार व ब्लैकमेलिंग के मामले की जांच की निगरानी कर रही है। पीड़िता द्वारा यह सवाल उठाया गया कि उसकी लोधी थाना नई दिल्ली में की गई शिकायत की जांच नहीं की जा रही है। इसके साथ ही चिन्मयानंद द्वारा पीड़िता की वीडियो को भी जांच में शामिल नहीं किया गया है। जिस पर कोर्ट ने एसआईटी से जवाब मांगा था। वहीं बीते बुधवार को रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने पीड़िता के अधिवक्ता को जवाब देने का समय दिया है।