•  चीन के इस स्वीकारोक्ति के बाद दोनों देशों में और बढ़ सकता है तनाव

बीजिंग । चीन ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि उसका स्टेल्थ फाइटर जेट जे-20 अमेरिका की एफ-35 की कॉपी है। चीन की सरकारी विमान निर्माता कंपनी चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट के मुख्य डिजाइनर यांग वी ने कहा कि उनका जे-10 फाइटर जेट अमेरिका के एफ-35 का कॉपी है, न कि रूस के स्टेल्थ फाइटर का। माना जा रहा है कि चीन के इस स्वीकारोक्ति के बाद से दोनों देशों में तनाव और बढ़ सकता है। साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट के अनुसार, अमेरिका से बढ़े तनाव के बीच चीन की सैन्य विमान निर्माता कंपनियां एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट होने वाले फाइटर जेट को बनाने की होड़ में जुटी हैं। इनमें पहली सरकारी कंपनी चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएडीआई) हैं, जो अपने जे -20 के संशोधित संस्करण पर काम कर रही है। वहीं दूसरी सरकारी कंपनी शेनयांग एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट है जो एफसी -31 जेट को बना रही है।
जानकारी के मुता‎बिक चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट के मुख्य डिजाइनर यांग वी ने कहा कि उनका विमान अमेरिकी एयर कॉम्बेट और जेट डिजाइनिंग के सिद्धांत पर आधारित है। चीन के सैन्य विशेषज्ञों ने कहा कि खुले तौर पर यांग वी का यह स्वीकार करना कि उसका प्लेन अमेरिकी डिजाइन पर आधारित है, यह संस्थान की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। यांग अपने मोडिफाइड जे-20 को प्रमोट करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनकी प्रतिद्वंदी एयरक्राफ्ट एफसी -31 रूस की पुरानी डिजाइन पर आधारित है। अपने लेख में यांग वी ने आगे कहा कि अमेरिकी नौसेना ने अपने कैरियर बेस्ट फाइटर जेट्स को विकसित कर 6 साल से भी कम समय में प्रोडक्शन शुरू कर दिया। अगर चीनी नेतृत्व उनके फाइटर जेट को छोड़कर एफसी-31 को पसंद करता है तो इसकी तैनाती करने में करीब 10 साल का समय लगेगा। इस दौरान अमेरिका कोई नया जेट विकसित कर लेगा।

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