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(बीजिंग) चीन में बिना लक्षण मिले 47 कोरोना मरीज, ठीक हुए लोगों की फिर शुरु हुई जांच
बीजिंग (एजेंसी)। चीन में कोरोना वायरस के 42 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमित लोगों की संख्या शुक्रवार को 81,907 हो गई। इसके साथ ही देश में ठीक हुए लोगों की भी दोबारा जांच शुरू कर दी गई है ताकि इस घातक वायरस के दोबारा लौटने के सारे रास्ते बंद किए जा सकें।
चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 42 लोगों में से 38 बाहर से आए लोग हैं। अधिकारियों ने बताया वहीं 47 ऐसे लोग वायरस से संक्रमित पाए गए, जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं थे। इनमें से 14 विदेश से आए लोग हैं। चीन के स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने शुक्रवार को बताया कि देश में कोविड-19 के 42 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें 38 बाहर से आए संक्रमित हैं। चीन ने देश में कोरोना वायरस का संकट फिर लौटने की चिंताओं के बीच कोविड-19 महामारी के ठीक हुए मरीजों की फिर से जांच करने और बिना लक्षण वाले मामलों को लेकर निगरानी तेज करने का आदेश दिया। वुहान में 76 दिन से चला आ रहा लॉकडाउन हटने के एक दिन बाद इस कदम की घोषणा की गई है।
वुहान से ही इस महामारी की शुरुआत हुई थी। देश में महामारी से मरने वालों की संख्या 3,336और संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 81,907 हैं। इनमें स्वस्थ हुए 77,455 लोग भी शामिल है। एनएचसी ने बताया कि बिना किसी लक्षण के संक्रमित पाए गए कुल 1,097 लोगों में से 349 विदेश से आए लोग हैं, जो अब भी चिकित्सीय निगरानी में हैं। नई आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार इन लोगों में वायरस के बुखार, खांसी या गला खराब होने जैसे कोई लक्षण नहीं थे लेकिन ये जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। हांगकांग में चार लोगों की मौत के साथ वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 973 हो गई। मकाउ में 45 और ताइवान में 380 मामले है, जिनमें मारे गए पांच लोग शामिल हैं।
नए नियमों के अनुसार कोविड-19 से ठीक हुए लोगों को फिर से डॉक्टर के पास जाना होगा , फिर से जांच करानी होगी और उनके स्वास्थ्य पर नजर भी रखी जाएगी। चीन में गुरुवार तक 77,455 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड-19 के ठीक हुए रोगियों को चिकित्सा निगरानी के लिए घर में या केंद्र में 14 दिन तक पृथक रहना होगा। वहीं, चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने भी आह्वान किया है कि निगरानी तेज की जाए और बिना लक्षण वाले मामलों की जांच में तेजी लाई जाए।