नई दिल्ली । भारतीय इलाके लद्दाख के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने हिंद महासागर में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। ये युद्धाभ्यास पूर्वी हिंद महासागर में किया जा रहा है। इससे पहले भारतीय नौसेना अमेरिका और जापान की नौसेनाओं के साथ युद्धाभ्यास कर चुकी हैं। इस अभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई पोत हैम्स होबर्ट हिस्सा ले रहा है। इस पोत की क्षमताओं को देखते हुए इसे डेस्ट्रोयर या विध्वंसक भी कहा जाता है। वहीं भारत की तरफ से आईएनएस सह्यद्री और आईएनएस करमुक हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले सितंबर महीने की शुरुआत में ही भारतीय और रूसी नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में युद्धाअभ्यास किया था। वहीं भारत ने अमेरिका और जापान के साथ भी युद्धाभ्यास किया था। यूएस नेवी के परमाणु क्षमता से लैस यूएसएस निमित्ज के साथ अंडमान निकोबार द्वीपसमूहों के पास संयुक्त अभ्यास किया गया था। निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत माना जाता है। भारत और जापान की नौसैनाओं ने हिंदमहासागर में युद्धाभ्यास किया था। युद्धाभ्यास में दोनों ही देशों के दो-दो पोतों ने हिस्सा लिया था। भारत की तरफ से नेवी के ट्रेनिंग पोत आईएनएस राणा और आईएनएस कुलीश शामिल हुए तो जापान की तरफ से जेएस काशिमा और जेएस शिमायुकी शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों के दौरान चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत ने लगातार हथियारों की खरीद और अन्य देशों के साथ रणनीतिक समन्वय को और ज्यादा गति दी है। चीन के साथ सीमा विवाद में भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देशों के बीच संबंध तब तक सामान्य नहीं रह सकते जब तक एलएसी पर शांति नहीं हो जाती। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अब भी जारी है।

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