नई दिल्ली। मंगलवार को गन्ने की कीमतों को लेकर पंजाब में किसानों के आंदोलन का पांचवां दिन था, जिससे रेल सेवाएं और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह गन्ना मुद्दे और बकाया राशि को लेकर किसान नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। किसानों ने शुक्रवार को जालंधर में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया। वे प्रमुख राजमार्गों और ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं। गन्ने की फसल के लिए नए राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) पर अंतिम कॉल के लिए सोमवार को अंतिम बैठक में कोई फैसला नहीं निकल सका। फिरोजपुर मंडल के अधिकारियों ने कहा कि चल रहे आंदोलन के कारण उन्हें कई ट्रेनों को रद्द और डायवर्ट करना पड़ीं। मंगलवार को कम से कम 27 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, जबकि 11 को शॉर्ट टर्मिनेट या डायवर्ट किया गया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रद्द की गई ट्रेनों में अमृतसर-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस भी शामिल हैं। सोमवार को विरोध के कारण 63 ट्रेनें प्रभावित रहीं। इनमें से 27 को रद्द कर दिया गया, जबकि 11 का मार्ग बदल दिया गया और 25 को थोड़े समय के लिए रोक दिया गया है। फिरोजपुर मंडल में रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि अब तक ट्रेनों को रद्द करने के लिए 12,300 यात्रियों को 53.65 लाख रुपये का रिफंड दिया गया है। इस बीच, पंजाब के आयुक्त (कृषि) बलविंदर सिंह सिद्धू और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के दो अर्थशास्त्रियों सहित अधिकारियों और विशेषज्ञों के एक समूह ने सोमवार को जालंधर में किसान नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें गन्ना उत्पादन की लागत पर सुना। सिद्धू ने बताया कि जिला प्रशासनिक परिसर में किसानों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया, जहां उनकी सभी वास्तविक चिंताओं को सुना गया।