मदरलैंड संवाददाता पटना

छात्र हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार के बाहर बहुत से ऐसे मजदूर फंसे हुए हैं जिनके पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है। जिसके कारण वे बिहार सरकार के द्वारा दिए जा रहे आर्थिक लाभ से वंचित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को उनके लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। शैलेश कुमार मिश्रा ने कहा वह लगभग सैकड़ों मजदूर से टेलीफोन के माध्यम से बातचीत किया है लेकिन सबसे बड़ी समस्या उन्हें भोजन की आ रही है। ऐसे में उनकी मौत भूख से ना हो इसके लिए सरकार उनके भोजन की समस्या को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएं जो काफी चिंता का विषय है।
शैलेश मिश्रा ने कहा कि बहुत सारे ऐसे परिवार हैं जो पूरे देश में कहीं भी रोज कमा खा कर अपना जीवन यापन के साथ बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं। आज बहुत से बच्चे अपने अभिभावक की आर्थिक संकट को देखकर काफी चिंता में हैं। अपने पढ़ाई को लेकर युवा खाना-पीना और रूम रेंट कैसे दे पाएंगे, जिनके अभिभावक के पास खाने-पीने के पैसे नहीं वह पढ़ाई पर और किराए पर कैसे खर्च करेंगे। यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों की आर्थिक स्थिति और बच्चों की भविष्य को देखते हुए पटना तथा बिहार के अन्य जिलों में जो छात्र रेंट पर रूम लेकर रहते हैं उनका किराया सरकार अपने माध्यम से मकान मालिकों को दें। जिनके पिता बिहार से बाहर या बिहार में मजदूरी करते हैं। वैसे घरों से भी छात्र पटना में या अन्य जगह पर रूम लेकर पढ़ाई करते हैं। लॉक डाउन में अपने पिता की आर्थिक स्थिति को देखते हुए हुए छात्र मानसिक तनाव में जी रहे हैं। जो लोग पटना में रहकर पढ़ाई करते हैं या अन्य जिला में रहकर पढ़ाई करते हैं उनके लिए सरकार उनके आई कार्ड के माध्यम से भी उन तक रहने खाने की समुचित व्यवस्था करें।

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