दुनियाभर में कई दिनों से लगातार बढ़ती जा रही कोरोना वायरस की समस्या से आज के समय में हर कोई परेशान है वहीं इस वायरस के बढ़ते प्रकोप और महामारी की चपेट में आने से आज न जाने ऐसे कितने लोग है जिनकी जाने जा चुकी है, इतना ही नहीं इस वायरस की चपेट में आने कर रोज लाखों की तादाद में लोग संक्रमित हो रहे है, वहीं कोरोना संकट के बीच लाॅकडाउन में काम-धंधे छूट जाने के बाद अन्य जिलों में आने वाले बेहाल गरीब मजदूरों के लिए इंदौर पुलिस पालनहार बनी हुई है. रोजाना पुलिस के द्वारा इंदौर में 4000 लोगों को खाना और सैकड़ों लोगों को नए जूते-चप्पल की व्यवस्था करवाई जा रही है. राऊ टीआई दिनेश वर्मा ने बताया कि हमारी टीम द्वारा बाइपास पर गरीबों की भोजन के साथ उनके नए जूते-चप्पल की व्यवस्था भी करवाई गई है. सैकड़ों गरीब खाने और जीने की चाह में अपने कमाई के ठिकानों को छोड़कर घर जाने के लिए भूखे पेट और नंगे पैर ही निकल पड़े. ऐसे लोगों को तकलीफ ना हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं.

विभिन्न क्षेत्रों में भोजन, दवाई एवं राशन की लगातार सेवा: ब्राह्मण सेवा संगठन और उसकी सहयोगी इकाइयों द्वारा कोरोना त्रासदी से मुकाबले के लिए भोजन, दवाइयां और राशन सामग्री बांटने का सिलसिला लगातार जारी है. संगठन के अध्यक्ष पं. सत्येंद्र शर्मा और मीडिया प्रभारी पं. नीलाभ सुगंधी ने बताया कि संगठन की ओर से प्रथम चरण में सैनिटाइजर बांटने के बाद 11 अप्रैल से समाजजनों के सहयोग से रोजाना 500 से 700 पैकेट्स भोजन बनाकर जरूरतमंदों को दिया जा रहा है. इसी तरह अन्य के सहयोग से 10 हजार से अधिक लोगों को निशुल्क आयुर्वेद औषधि का वितरण किया गया. परशुराम जयंती के दिन से भोजन के स्थान पर कच्ची सामग्री का कांबो पैक बनाकर टीम द्वारा जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं.

अन्य शहरों से लौट रहे 10 हज़ार मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की: प्रदेश के अन्य शहरों समेत देशभर के विभिन्न राज्यों से आ रहे मजदूरों के खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी. बाइपास से गुज़र रहे जरूरतमंदों और मजदूरों के लिए यह व्यवस्था की गई है. क्रेडाई की यूथ विंग द्वारा प्रतिदिन करीब 10 हजार लोगों के लिए भोजन पैकेट बांटे जा रहे हैं. इसमें बिस्किट, सेव परमल, पोहे, खरबूज, तरबूज और पानी की व्यवस्था की जा रही है. विंग के 10 सदस्यों ने इसके लिए बीड़ा उठाया है. न्यूयार्क सिटी बाइपास और मृदंग गार्डन से यह व्यवस्था की जा रही है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है. खास बात यह है कि अलग से भोजन पैकेट भी बांटे जा रहे हैं. साथ ही जिनके पैरों में चप्पल नहीं है, उन्हें जूते-चप्पल भी दिए जा रहे हैं.

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