शोकनगर । शहर में अनेकों स्थानों पर बिजली विभाग द्वारा बिजली की सप्लाई के लिए चौक चौराहों पर ट्रांसफार्मर रखे गए है। जो जमीन से कुछ ऊपर खंबों पर हैं, लेकिन इन डीपी से जो तार निकले हुए हैं वो जमीन को छू रहे हैं। इन तारों से आम लोगों को और पशुओं को जान का खतरा बना रहता है, लेकिन विभाग ने इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। पिछले वर्षों शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कई मवेशियों की जान इन तारों से टकराने के कारण हो गई है। लेकिन उसके बाद विभाग ने इन डीपी से निकल रहे तारों को ठीक करने का मन नहीं बनाया है।
बिजली विभाग ने शहर की जनता को बिजली की सुविधा देने के लिए अनेकों स्थानों पर खंभों पर बड़े-बड़े ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। जिससे की लोगों को सुविधा हो लेकिन पिछले लंबे समय से चौराहों और मुख्य सडक़ किनारे रखी ये डीपी अब आम लोगों को खतरा सबित होने लगी है। बिजली विभाग ने स्टेशन से निकलते ही रेस्ट हाउस के पास, पछाड़ीखेड़ा रोड़, नवीन बस स्टैंड क्षेत्र में ट्रांसफार्मरों को रखा गया है। कई डीपी जमीन से कुछ ही ऊंचाई पर रखी हैं तो उन से निकलने वाले तार बड़ी मात्रा में जमीन से टच हो रहे हैं। वहीं कई ट्रांसफार्मरों के गेट खुले पड़े हैं तो कुछ में गेट ही नहीं है। ट्रांसफार्मरों के तार से आए दिन लोगों को करंट लगने का डर बना रहता है। कई लोगों द्वारा इन ट्रांसफार्मरों के पास खाने-पीने की चीज फेंक दी जाती है और वहीं खाने की वस्तु को खाने गाय और अन्य जानवर डीपी के पास चले जाते हैं। जिसके कारण कई मवेशी चपेट में आकर मौत हो जाती है और शहर में कई जगह ऐसी है जहां पर बिजली के तार जमीन के निकट झूमते नजर आ रहे हैं और पास में बनी सडक़ों पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग गुजर रहे हैं पैदल राहगीर उनकी किनारों से होकर गुजरती हैं कई हाथ ठेला व दुकान है खाली जगह देखकर ट्रांसफार्मर के झूलते तारों के समीप लगा देते हैं लेकिन विद्युत विभाग की इस तरह की लापरवाही से लोगों की जान को खतरा अधिक रहता है अगर कोई गलती से जरा सा भी झूलते तारों के समीप आ गया तो बिजली की चपेट में आ सकता है।
शिकायत के बाद भी नहीं देते ध्यान:
रहवासियों द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद भी जमीन के निकट झूलते तारों की ओर जिम्मेदार अधिकारियों का बिल्कुल भी ध्यान आकर्षित नहीं होता और ना ही किसी प्रकार की आला अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है। शिकायत के बाद औपचारिकता के तौर पर कर्मचारियों की गलती का हवाला देते हुए बात को आगे टाल देते हैं। ट्रांसफार्मर में कई वर्ष पुराने जर्जर तार लगे होने के कारण उनकी प्लास्टिक झर जाने से कई बार हादसे हो चुके हैं। लेकिन हादसे होने के बाद भी किसी का ध्यान उस ओर आकर्षित नहीं होता और ना ही जिम्मेदार आला अधिकारी कोई समाधान के बारे में सोचते हैं।

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