जम्मू। जम्मू एयरपोर्ट स्थित एयरफोर्स स्टेशन के भीतर शनिवार देर रात महज पांच मिनट के अंतराल में दो बड़े धमाके हुए। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट देर रात करीब डेढ़ बजे हुए। पहले विस्फोट के कारण हवाईअड्डे के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख का जिम्मा वायु सेना उठाती है और दूसरा विस्फोट जमीन पर हुआ। इसमें किसी के हताहत होने की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली थी। हालांकि, इसमें पाकिस्तान पर शक गहराता नजर आ रहा है, क्योंकि सूत्रों की मानें तो इस विस्फोट के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था और टारगेट भारतीय वायुसेना के विमान थे। ऐसे में अब सवाल उठते हैं कि क्या ड्रोन का निशाना भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट थे, क्या फिर से पठानकोट अटैक दोहराने की साजिश थी? इन सभी सवालों का जवाब तलाशने में पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियां जुट गई हैं। आतंकी एंगल से घटना की जांच करने के लिए एएनआई की टीम भी पहुंच चुकी है। सूत्रों की मानें तो इंडियन एयरफोर्स की भी उच्चस्तरीय जांच टीम जम्मू के लिए रवाना हो चुकी है। सूत्रों ने कहा कि ड्रोन का संभावित लक्ष्य इलाके में खड़ा भारतीय वायुसेना का विमान था। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस विस्फोट को लेकर जम्मू में वायु सेना स्टेशन पर वाइस एयर चीफ, एयर मार्शल एचएस अरोड़ा से बात की है। एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने जम्मू पहुंच रहे हैं। एयरबेस के पास ड्रोन विस्फोट में भारतीय वायु सेना के दो कर्मियों को मामूली चोटें आईं हैं। हालांकि, एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों ने बताया कि जम्मू एयरबेस पर ड्रोन के जरिए पहला विस्फोट 1.27 मिनट पर तो दूसरा धमाका 1.32 मिनट पर हुआ। प्रारंभिक इनपुट्स की मानें तो धमाकों के लिए एक्सप्रोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया गया। ड्रोन हमले को लेकर शक इसलिए भी गहराता जा रहा है, क्योंकि अक्सर ही सीमा पार से ड्रोन के घुसपैठ करने की खबरें आती रही हैं। बता दें कि घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को कुछ ही मिनटों में सील कर दिया। सूत्रों ने बताया कि वायु सेना अड्डे पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारतीय वायु सेना के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। जम्मू हवाई अड्डा एक असैन्य हवाई अड्डा है।

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