अविनाश भगत : संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए इसके पहले एवं मौजूद उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी यहां भारतीय दंड सहिता यानि आईपीसी कानून के तहत लोकायुक्त एक्ट को अमल में लाए जाने के हर नजरिय से रिपोर्ट तैयार करेगी। इस कमेटी में कानून, न्याय व संसदीय मामलों के विभागीय सचिव, निदेशक एंटी क्रप्शन ब्यूरो तथा सहायक सचिव सामान्य प्रशासन विभाग यानि जीएडी सदस्य बनाए गए हैं। जोकि पब्लिक-सर्वेंट को भी परिभाषित करने का भी काम करेगी।

लोकायुक्त की नियुक्तियों को लेकर 11 राज्यों के मुख्यसचिवों को दिया था नोटिस..
गौरतलब है कि लोकायुक्त की नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की एक खण्डपीठ ने मार्च 2018 में जम्मू-कश्मीर समेत देश के 11 राज्यों के मुख्यसचिवों को नोटिस देकर पूछा था कि क्या वजह है कि उनके राज्यों में अभी तक लोकायुक्त को लेकर दिए गए अदालती आदेश का पालन नहीं किया गया। बता दें कि तब जम्मू -कश्मीर एक संपूर्ण राज्य था और अब संघ शासित प्रदेश। हालांकि लोकायुक्त कानून सन् 2013 में तत्कालीन डॉ0 मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए 2 सरकार के समय पास हुआ था।

पब्लिक-सर्वेंट के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों पर गौर
यूं तो देशभर के अनेकों राज्यों में घोर भ्रष्टाचार के काफी बड़े बडे मामले लंबे अरसे से सुखियों में आ रहे हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर में नौकरशाही से लेकर राजनेताओं पर भी काफी बड़े बडे़ भ्रष्टाचार के संगीन आरोप जब तब लगते रहते हैं। सूत्रों का कहना है कि यह कमेटी यह भी देखेगी कि लोकायुक्त के दायरे में मंत्री, विधानसभा सदस्यों के अलावा संघ शासित प्रदेश जम्मू -कश्मीर के अफसर व कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामले में किस उपधारा के तहत आ सकते हैं। बताया गया है कि लोकायुक्त एक्ट 2013 की धारा 63 के तहत राज्य अथवा संघ शासित प्रदेश में पब्लिक-सर्वेंट के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों पर गौर किया जा सकता है।

Previous articleपूर्णिया में दिनदहाडे़ युवक को मारी गोली, मौके पर मौत
Next articleLIVE: Amit Shah addresses public meeting in Garhwa, Jharkhand

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here