देश में हो रहे आतंकी हमलों से अब देश की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा चौकस हो गई है। बता दें कि देश के जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा लगातार ही बम विस्फोट किए जा रहे हैं। इसके अलावा बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सुरक्षा बलों ने आतंकियों पर बड़ी सफलता हासिल की है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने 3 में से 2 आतंकियों को घेरा और 1 को मार गिराया था। वहीं अभी अभी मिली खबर के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के बेगपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू को मार गिराया है। बेगपुरा में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू के छिपे होने की सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। घंटों चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रियाज अहमद नायकू घाटी का सबसे वांछित आतंकी था। मुठभेड़ में यासीन इट्टू की मौत के बाद से इसने कमान संभाली थी। दिसंबर 2012 में हिज्ब में शामिल हुआ और महज पांच सालों में संगठन के प्रमुख बन गया। वह तकनीक में महारत रखता था। एक आतंकी के जनाजे में शामिल होने के बाद उसने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को समर्थन देने की बात कही थी। नायकू सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर 2016 में पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद आना शुरू हुआ था। उसके सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम था। अवंतीपुरा के दुरबग के नायकू मोहल्ले का निवासी नायकू घाटी के वांछनीय आतंकियों की A++ श्रेणी में आता था। उसने घाटी में सब्जार भट की मौत के बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया का पद संभाला था। नायकू को पूरी घाटी में हिजबुल का कमांडर माना जाता था ।सुरक्षा एजेंसियों ने इससे पहले उसे कई बार घेरा था, लेकिन हर बार वह किसी तरह बचकर भाग निकलने में सफल हो जाता था।

नायकू ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि वह कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी का स्वागत करेगा और दावा किया कि आंतकी पंडितों के दुश्मन नहीं हैं। नायकू के दो करीबी अल्ताफ काचरु और सद्दाम पेद्दार को सुरक्षाबलों ने काफी पहले ही ढेर कर चुकी है। माना जाता है कि नायकू ने गन सैल्यूट को पुनर्जीवित किया, जिसे आतंकी अपने कमांडर की मौत पर देते थे। मरे हुए आतंकियों के जनाजे के दौरान उसे हवा में गोली चलाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए देखा गया था। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि अपनी छवि के कारण उसने दक्षिण कश्मीर के बहुत से युवाओं को आतंकी गुट में शामिल करने में सफलता प्राप्त कर ली थी।

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