अविनाश भगत : संघ शासित जम्मू कश्मीर में तेजी से बढ़ते नशीले पदार्थाें के कारोबार तथा इसके इस्तेमाल यहां एक बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। जिसका सर्वाधिक शिकार आम युवा हो रहा है। जोकि सभ्रांत परिवारों का है। हालांकि इस पर रोकथाम लगाने वाली एजेंसियां केाशिश में लगी हैं, परंतु इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि नशे के कारोबार व इस्तेमाल को लेकर पुलिस की ओर से लगातार बडे़ कदम उठाए जा रहे हैं।
जिस प्रकार यहां नशे का कारोबार जमकर फलफूल रहा है, उससे जाहिर होता है कि इस पर रोकथाम लगाने में तमाम एजेंसियां बेबस बनी हुईं हैं। गत एक अरसे में ड्रग्स के ओवरडोज के कारण हुईं मौतों से हालात भयावह बन चुके दिखाई देते हैं। चिंताजनक पहलू यह भी है कि जम्मू शहर में एक युवती तथा एक युवक जोकि पुलिस परिवार के थे, वह भी इस नशे की लत के कारण मौत का शिकार हुए।

ड्रग्स से दूर रहने की अपील
बता दें कि, इसका इस्तेमाल मध्यमवर्गीय तथा उच्च मध्यमवर्गीय परिवारों में तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिसे लेकर कुछेक गैर सरकारी संगठनों से लेकर पुलिस प्रमुख तक अपनी गहरी चिंताएं निरंतर जाहिर करते हुए ड्रग्स से दूर रहने की अपील कर रहे हैं। राज्यपुलिस महानिदेयाक दिलबाग सिंह से लेकर जम्मू संभाग के आईजी मुकेष सिंह सभी इसे लेकर नशे के सौदागरों के खिलाफ कड़ी मुहिम चला रहे हैं। फिर भी जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर में सरहद पार से लाई जा रही ड्रग्स की तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही। उससे साफ लगता है कि पंजाब में तो कैप्टन अमरिंद्र सिंह सरकार की बेहद सख्ती के कारण अब ड्रग्स के कारण बदनाम ‘उडता-पंजाब’ में तो इस पर रोकथाम में सफलता मिल रही पता चली है। परंतु, जम्मू कश्मीर में स्थिति बेहद भयावह बनती जा रही है।

नशे के कारोबार में लगे सफेदपोश कारोबारी
सूत्रों का कहना है कि इस नशे के कारोबार में यहां के कुछ सफेदपोश कारोबारी भी लगे हुए हैं। इस मामले में नियंत्रण रेखा के जिला पुंछ से लेकर जम्मू तथा कठुआ तक पुलिस महकमें के भी कईं लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। बताया गया कि सन् 2015 से लेकर 2018 तक करीब 42 सौ लोग इस बावत गिरफ्तार किए जा चुके हैं । केवल ड्रग्स यानि हेरोईन ही नहीं बल्कि भुक्की, अफीम, गांजा से लेकर नशे की टिक्कियां तथा कैप्सूल आदि भी बड़ी मात्रा में विभिन्न छापों के दौरान पकडे जा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि गत 4 वर्षों में ड्रग्स ही 8689 किलोग्राम जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में पकड़ी गई। अन्य नशीले पदार्थाें की बड़ी संख्या अलग है। जिसकी कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में अरबों रूपये आंकी गई है।

युवाओं के बीच नशीले पदार्थाें का प्रचलन बढ़ा…
इससे साफ जाहिर होता है कि यहां हमारे सामाज में विशेषकर युवाओं के बीच नशीले पदार्थाें का प्रचलन बढ़ी तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस से लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो आदि तमाम एजेंसियां फिलहाल इस नशे के कारोबार व सेवन पर रोक लगाने में असफल दिखाई देती हैं। जोकि यहां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बाद एक बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि हालांकि सरहद पर सुरक्षाबलों की अत्याधिक कड़ी चैकसी बनी हुई है, परंतु फिर भी ड्रग्स यानि हेरोईन तस्करी के जरिए यहां पहुंच रही है। वहीं नशीली दवाईंया हिमाचल प्रदेश तथा पंजाब के रास्ते यहां पहुंचती बताई गईं हैं।

Previous articleमॉडल टीकाकरण कॉर्नर का सिविल सर्जन ने किया उद्घाटन, गर्भवती महिलाओं व शिशुओं को लगाए जाएंगे टीके
Next articleएंग्लो संस्कृत विक्टोरिया जुबली सीनियर सेकेंडरी स्कूल के स्थापना दिवस में स्कूल के सबसे पुराने छात्र के एन गुप्ता हुए शामिल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here