विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अपने आस्ट्रेलियाई समकक्ष मॉरिस पेन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और कोरोना वायरस से निपटने में अपने अपने देशों की घरेलू रणनीति को साझा किया। दोनों देशो के विदेश मंत्रियों के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मारिशन ने कोरोना वायरस के फैलने से रोकने के बारे में द्विपक्षीय अनुभव को साझा करने के महत्व पर सहमति व्यक्त की थी। जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत दवा के संबंध में आस्ट्रेलिया की जरूरतों पर सकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया दे रहा है।

उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि क्या उसने मलेरिया के उपचार में प्रयोग में लाई जाने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन की आपूर्ति करने की मांग की थी। गौरतलब है कि अमेरिका सहित कई अन्य देश इस दवा की आपूर्ति करने के लिये भारत से मांग की है विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मॉरिस पेन के साथ कोविड-19 पर हमारी प्रतिक्रिया के बारे में अच्छी वार्ता हुई। उन्होंने आश्वस्त किया कि आस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के दर्जे में कोई बदलाव नहीं आया है।’’ एक अनुमान के मुताबिक, आस्ट्रेलिया में 80 हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं। आस्ट्रेलिया में कोरोना संक्रमण के 6000 मामले सामने आए हैं। जयशंकर ने कहा कि आस्ट्रेलिया के जो लोग अपने घर वापस लौटना चाहते हैं, भारत इसकी व्यवस्था करेगा।

 

 

 

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