नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को जल और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के हर गांव-ढाणी तक गुणवत्तायुक्त बिजली और पेयजल उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 15 जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2023 तक सभी जिलों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध होने लगेगी। साथ ही, राजीव गांधी लिफ्ट परियोजना के सभी चरणों के काम समय पर पूरे किए जाएंगे। गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोधपुर जिले मेें जलदाय और ऊर्जा विभाग के विभिन्न विकास कार्याें के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने दोनों विभागों के करीब 551 करोड़ रूपए की लागत से 38 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अकाल और सूखा पड़ना आम बात थी। यहां के लोगों ने हमेशा से ही पानी की किल्लत का सामना किया है। पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की दूरदर्शी सोच से इंदिरा गांधी नहर का सपना साकार हुआ और आज पंजाब से लेकर जैसलमेर तक नहरी पानी पहुंच सका। पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पीने के पानी की समस्या काफी हद तक समाधान संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के हित में राज्य सरकार पेयजल परियोजनाओं के कार्योें को निरंतर गति दे रही है। गहलोत ने कहा कि प्रदेश ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। आजादी के समय जहां राजस्थान में कुल 13 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी, वहीं आज 21 हजार मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। हमारी सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास पर फोकस कर रही है। वर्ष 2024 तक करीब 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। इसके लिए बड़ी-बड़ी कम्पनियां प्रदेश में निवेश भी कर रही हैं और राजस्थान सरकार निवेशकों को बेहतर नीतियों और सुविधाओं का लाभ दे रही है। इससे प्रदेशभर के किसानों और अन्य उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, केवल इसका प्रसार धीमा हुआ है। विशेषज्ञ लगातार तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सभी लोग कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महामारी के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। हमने प्रदेश में 15 लाख वैक्सीन प्रतिदिन लगाने की क्षमता विकसित कर ली है, लेकिन केन्द्र सरकार से समुचित मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रतिदिन केवल डेढ़ लाख तक टीके ही लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध करवाए जाएं, तो हम इस वर्ष दिसम्बर तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी प्रदेशवासियों को वैक्सीनेट कर सकते हैं।
जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार पेयजल और ऊर्जा परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2022 तक 10 कस्बों, 3,254 गांवों और 1,663 ढाणियों को पानी पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत 20 लाख घरों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 6,684 नए नलकूप लगाए गए हैं और 6 लाख से अधिक खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत की गई है। पिछले ढाई वर्ष में प्रदेश में 2300 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त उत्पादन किया है।
जोधपुर के जिला प्रभारी मंत्री एवं उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कहा कि जोधपुर में राजीव गांधी लिफ्ट नहर परियोजना से लाखों लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने बिजली एवं पानी के क्षेत्र में जोधपुर को दी गई सौगातों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। सूरसागर विधायक सूर्यकान्ता व्यास ने गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में जोधपुर में अभूतपूर्व विकास हुआ है। जिले को कई महत्वपूर्ण पेयजल परियोजनाएं मिली हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी सुधांश पंत ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तीसरे चरण का कार्य पूरा होने पर जोधपुर, बाड़मेर तथा पाली जिले के 5 कस्बों एवं 2,104 गांवों की 75 लाख आबादी की वर्ष 2051 तक पेयजल की जरूरतें पूरी होंगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए जायका से ऋण मिलने में देरी होने पर 1,454 करोड़ रूपये की राज्य मद एवं जल जीवन मिशन (शहरी) से वित्त पोषण की स्वीकृति दी गई है। परियोजना को मार्च 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जोधपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत 74 गांव एवं 518 ढाणियों में घरेलू कनेक्शन देने का काम चल रहा है। 120 गांवों में 32 हजार 37 घरेलू कनेक्शन के लिए प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी हो गई है। इसकी लागत 165 करोड़ 77 लाख रूपये है। इसके अलावा अन्य परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृति एवं डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि जोधपुर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 40 करोड़ 46 लाख रूपए की लागत से 31 जीएसएस का लोकार्पण एवं बनाड़ में 220 केवी जीएसएस के शिलान्यास से जोधपुर जिले में विद्युत तंत्र सुदृढ़ होगा। कार्यक्रम की शुरूआत में जोधपुर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए जिले में चल रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले कुछ समय में जोधपुर जिले को सौगातें देते हुए 540 करोड़ रूपये से अधिक लागत के कार्यों का लोकार्पण एवं 322 करोड़ रूपये लागत के 28 कार्यों का शिलान्यास किया है। जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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