पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोमवार को साथ होने वाली बैठक में वह 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जिसमें राज्य के राजनीतिक दलों के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे। समस्तीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण से लौटने पर यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कुमार ने यह भी कहा कि वह रविवार रात नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बैठक सोमवार को निर्धारित है। बैठक में उनके साथ शामिल होने वालों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल हैं।
नीतीश से उनके गठबंधन सहयोगी भाजपा द्वारा प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए एक दलित मंत्री को चुनने के बारे में भी सवाल पूछा गया। कुमार ने भाजपा द्वारा जनक राम को प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, यह कोई मुद्दा नहीं है। प्रत्येक दल एक व्यक्ति को मनोनीत कर सकता है जो विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य हो। इसलिए सभी पार्टियों ने अपने हिसाब से नाम भेजे। मेरे अलावा 10 प्रतिनिधि होंगे, सभी अपनी-अपनी पार्टियों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
जाति जनगणना की मांग पिछले महीने संसद में केंद्र के एक बयान से शुरू हुई थी कि जिसमें केवल अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी की गणना का प्रस्ताव किया गया था। बिहार जैसे राज्यों में, जहां मंडल युग से ओबीसी का राजनीति में वर्चस्व रहा है, पिछड़े वर्गों को ध्यान में रखते हुए जातिगत जनगणना की जोरदार मांग हो रही है। मुख्यमंत्री कुमार बार-बार जातिगत जनगणना कराने की वकालत करते रहे हैं।

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