इन दिनों जहां पूरी दुनिया पैसों के पीछे भाग रही है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो रुपयों से इंसानियत को अधिक महत्त्व देते हैं। ऐसा ही एक व्यक्ति हैं शंकर गौड़ा, जिन्हें स्थानीय लोग 5 रुपए वाला डॉक्टर कह कर बुलाता है। कर्नाटक में शक्कर जिले के रूप में मशहूर मांड्या में वह बीमारों का महज पांच रुपए में उपचार करते हैं। वह हरदिन लगभग पांच सौ बीमारों का उपचार करते हैं। डॉ गौड़ा मरीज को पांच रुपए में उपचार का पूरा पैकेज उपलब्ध कराते हैं। इसमें जांच, परामर्श, दवाई लिखना और इंजेक्शन सहित चिकित्सा शामिल है।
वह बीते 35 वर्षों से कर्नाटक के इस गन्ना बहुल जिले में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं। शिवाली के पैतृक और बांडी गौडा के रहने वाले डॉ गौड़ा के चाहने वाले पूरे जिले में फैले हुए हैं। उन्होंने अच्छे वेतन की पेशकश के बाद भी किसी निजी अस्पताल को अपनी सेवाएं नहीं दी और न ही अपनी फीस में वृद्धि की है। शिवाली के पैतृक और बांडी गौडा के रहने वाले डॉ गौड़ा के चाहने वाले पूरे जिले में फैले हुए हैं। उन्होंने अच्छे वेतन की पेशकश के बाद भी किसी प्राइवेट अस्पताल को अपनी सेवाएं नहीं दी और न ही अपनी फीस में इजाफा किया। मणिपाल के मशहूर कस्तूरबा मेडिकल लेज से MBBS की डिग्री प्राप्त करने के बाद डॉ गौड़ा ने परास्नातक डिप्लोमा किया। चर्म रोग के विशेषज्ञ डॉ गौड़ा एक मिठाई की दूकान पर बैठ कर मरीजों को देखते हैं।
उनकी लोकप्रियता के चलते दूर दराज से लोग उनके पास इलाज करवाने आते हैं। शिवालिक के रहने वाले डॉक्टर गौड़ा मांड्या में प्रैक्टिस किया करते थे, जो उनके गांव से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। उन्होंने नोटिस किया कि उनके इलाके के कई लोग वहां उपचार के लिए आते हैं। इसके बाद उन्होंने निर्धारित किया कि वह अपने गांव जाकर वहीं प्रैक्टिस करेंगे। गौड़ा डॉक्टरी के अतिरिक्त छोटे पैमाने पर खेती-बाड़ी भी करते हैं। इतने सालों का अनुभव होने के बाद भी डॉ गौड़ा के पास अभी तक खुद की गाड़ी नहीं है। रोज़ाना वह अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अपने क्लीनिक पहुंचते हैं। हर दिन की तरह यहां हमेशा लंबी लाइन लगी रहती है। रोगियों की भीड़ कितनी भी हो वह सभी मरीजों को देखे बिना नहीं उठते। उनके पास आने वाले अधिकतर मरीज उपचार से संतुष्ट दिखाई देते हैं।