टोक्यो। जापान के एक ख्यात स्टेम-सेल वैज्ञानिक को सरकार ने एक खास शोध के लिए सरकारी सहायता देने का ऐलान किया है। वैज्ञानिक उस तकनीक पर काम कर रहा है, जिसकी सहायता से पशुओं के गर्भ में मानव-कोशिकाओं का विकास किया जा सकेगा। यानी जानवरों का एक सरोगेट मदर की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा।
विज्ञान की दुनिया में इंसान एक से बढ़कर एक प्रयोग कर रहा है। कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण जैसी मुश्किल और एक समय पर असंभव समझी जाने वाली प्रक्रिया अब आम होती जा रही है। इसी कड़ी में वैज्ञानिक और आगे बढ़ने की सोच रहे हैं। जापान में टोक्यो विश्वविद्यालय में स्टेम सेल के अगुआ हिरोमित्सू नकॉची नाम के वैज्ञानिक को जापान सरकार ने जानवरों की कोख में इंसानी भ्रूण के विकास पर प्रयोग करने की इजाजत दी है।
वैज्ञानिक ने अपनी टीम के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। उनकी योजना है कि पहले चूहों के एंब्रियो में मानव कोशिकाएं विकसित की जाएं और फिर उस एंब्रियो को सरोगेट जानवरों के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाए। इस प्रयोग का असल मकसद इंसानी शिशु बनाना नहीं, बल्कि ऐसे पशु तैयार करना है, जिनके शरीर के अंग मानव कोशिकाओं से बने हों ताकि जरूरतमंद इंसानों में ये प्रत्यारोपित किए जा सकें। जापान से पहले कई देश इसे कुदरत से खिलवाड़ बताते हुए ऐसे प्रोजेक्ट को नामंजूर कर चुके हैं। इनमें अमेरिका भी एक है।
अमेरिका में सन 2015 से पहले प्रयोगशाला में इस तरह की कोशिशें चल रही थीं, लेकिन फिर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने इसे गलत बताते हुए ऐसे प्रोजेक्टों पर रोक लगा दी थी। वहीं जापान के साइंटिस्ट कुदरती प्रक्रिया को चुनौती देते हुए जानवर की कोख से इंसान के जन्म लेने के प्रोजेक्ट पर जुट गए हैं। अगर ये हो सका तो ये साइंस का सबसे बड़ा कारनामों में से एक हो सकता है। जापान के साइंटिस्ट ने इसका खाका भी तैयार कर लिया है, कि कैसे इस प्रोजेक्ट को अंजाम देना है। शुरुआती तौर पर इसमें चूहे के गर्भाशय में ह्यूमन सेल्स डेवलप किए जाएंगे। इसके बाद के चरण में जानवर की कोख में सेरोगेसी की संभावना देखी जाएगी।