नई दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा अप्रैल के आखिर या मई में भारत आ सकते हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की लगातार बढ़ती आक्रामकता पर लगाम लगाने के लिए उनका यह दौरान इस क्षेत्र में भारत-जापान के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने के लिहाज से अहम होगा। बीते साल शुरू हुई कोरोना महामारी के बाद से किसी जापानी नेता का यह पहला भारत दौरा होगा। दिसंबर 2019 में जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो अबे और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच गुवाहाटी में होने वाली बैठक को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन की वजह से रद्द करना पड़ा था। उसके बाद से यह किसी जापानी नेता का पहला भारतीय दौरा भी होगा। महामारी के दौरान पीएम मोदी ने अपने जापानी समकक्ष सुगा से कई बार फोन पर बातचीत की है। दोनों ने 12 मार्च को हुई पहली क्वॉड बैठक में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया था। इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन भी शामिल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि भारत और जापान दोनों ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाने के प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह पीएम सुगा के भारतीय दौरे का मुख्य एजेंडा हो सकता है। पीएम सुगा के भारत दौरे की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं। दोनों देशों में कोरोना की स्थिति को देखते हुए इन पर विचार-विमर्श जारी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच बैठक में अहम मुद्दा चीन ही होगा। जहां एक ओर भारत चीन के साथ एलएसी पर बीते एक साल से गतिरोध का सामना कर रहा है तो वहीं, जापान भील पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीप में चीन की दखलअंदाजी को लेकर चिंतित है। जापान ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में 1600 करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है और वह बांग्लादेश-श्रीलंका जैसे दूसरे देशों में भारत के साथ काम कर रहा है।

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