मदरलैंड संवाददाता,
देश मे लगे लॉक डाउन के नियम से उत्पन्न भोजन की समस्या से जूझ रहे गरीब परिवार के नौनिहाल बच्चों ने अपने हाथों में किताब के बजाय सब्जी बेचना मुनासिब समझ रहे हैं । इस तरह प0 चम्पारण के बगहा पुलिस जिला के गंडकपार के धनहा थाना क्षेत्र के तमकुहवा गांव के एक गरीब परिवार का लड़का जो सरकारी स्कूल में पढ़ता है जो तीसरा वर्ग में पढ़ने वाला बालक जिसका उम्र 8 से 9 वर्ष की होगी । ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान मदरलैंड संवाददाता के सवाल पर जबाब देते हुए गांव में घूम घुमाकर सब्जी बेच रहा साहेब कुमार पिता विनोद के पुत्र ने बताया कि देश में कोविड19 जैसे संक्रमण बीमारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन जैसे नियम लागू करने के बाद से हमारे माता पिता की रोजी रोटी मजदूरी करने से परिवार का भरण पोषण होता आ रहा था। लेकिन अचानक परिस्थिति के विपरीत समय में यह कार्य करना पड़ रहा है । वैसे तो सरकार के 5 से 10 किलो अनाज से जीवन नहीं चलेगा । इसलिए मुझे सब्जी बेचने की जरूरत पड़ गई। इस बात चीत के दौरान साहेब कुमार ने अपने आपको रोक नहीं सका तथा फफक कर रोने लगा ।एक तरफ सरकार के कई तरह के एडवाइजरी जारी किया गया है कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी गरीब परिवार को कोई कष्ट नहीं देखा जायेगा । इसके लिये सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराये जा चुके हैं । यहां तक कि जिला व प्रखंड स्तर पर डीएम से लेकर बीडीओ एवं सीओ अफसरान तक क्षेत्र में घुमकर लोगों को घरों में रहकर कोरोना से लड़ने में मदद करने की अपील करने के साथ साथ भोजन पानी की ब्यवस्था पर सरकार के तरफ से देने का वादा किया जा रहा है । लेकिन नतीजा सिफर देखा जा रहा है ।