नई दिल्ली। जीएसटी बैठक को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में तकरार देखने को मिली। बैठक पर सवाल उठाते हुए पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखते हुए कहा है कि बैठक में उनकी आवाज और सुझाव अनसुने कर दिए गए हैं। उनके मुताबिक उनकी आवाज नहीं सुनी गई। इसीलिए चिट्ठी लिखनी पड़ रही है। चिट्ठी में उन्होंने कहा कि कोरोना से जुड़े सामानों पर टैक्स किसी भी हालत में नहीं लगाया जाना चाहिए था। ये जन हित में नहीं है। इस पर पलटवार करते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि अमित मित्रा की आवाज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ठीक से नहीं आ रही थी। इस बारे में राजस्व सचिव ने कहा भी कि वो वीडियो बंद कर सिर्फ ऑडियो के जरिए संवाद करें तो बेहतर रहेगा। लेकिन उन्होंने सलाह नहीं मानी बाद में जब उनकी तरफ से आवाज आनी बंद हो गई और दूसरे सदस्य बोलने लगे तब भी उन्होंने कुछ नहीं कहा। अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा आखिर में वित्तमंत्री ने एक बार सभी की बातें पूरी हो जाने के बाद कहा कि यदि कोई कुछ और बोलना चाहे तो कह सकता है, उस समय भी अमित मित्रा चुप रहे। उनके मुताबिक काउंसिल में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है। सभी को बातें कहने का पूरा मौका मिलता है। चर्चा के दौरान वित्तमंत्री किसी की बात काटती नहीं है बल्कि संयम के साथ सभी के विचारों को सुनती हैं। राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कोरोना संबधित सभी सामानों पर जीएसटी की छूट 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने व जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि शीघ्र जारी करने की मांग की है। धारीवाल ने शनिवार को जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक में यह मांग की। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इस डिजिटल बैठक में धारीवाल ने कहा की मंत्री समूह द्वारा कोरोना संबंधी सामग्री जैसे ऑक्सीजन व इसके उपकरण अन्य जरूरी दवाए, कोविड जांच किट, पल्स ऑक्सीमीटर आदि पर दरों में कमी की अनुशंसा 31 अगस्त 2021 तक दी गई है, जो कि पूरी तरह से न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का भी मानना है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर मे आ सकती है, इसलिए राजस्थान की यह मांग है उक्त छूट को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाया जाए और जरूरत पड़े तो आगे भी जारी रखा जाए।

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