मदरलैंड संवाददाता,
सीवान ।कोविड-19 महामारी के खिलाफ चल रहे राज्य सरकार के बचाव और राहत कार्य में अपने सर जमीन पर आए लोग उदासीनता के शिकार हो गए है। उन्हें तकलीफ इस बात की है कि वह अपने ही जमीन पर सरकारी व्यवस्था के शिकार हो गए हैं। प्रखंड के महेंद्र हाई स्कूल में बने जिले के सबसे बड़े क्वॉरेंटाइन सेंटर में बुनियादी सुविधाओं का ही घोर अभाव है। जहां अभी तक बाहर से आए अट्ठारह सौ से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिले में भेजा गया है। जिले के इतने बड़े क्वॉरेंटाइन सेंटर पर भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ वरीय अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। जहां पर ठहरे 205 प्रवासी मजदूरों को मेनू के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता है। उनका कहना था कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर न समय से भोजन मिलता है और नहीं नाश्ता मिलता है। इस संबंध में वहां पर ठहरे प्रवासी फैसल अंसारी ने बताया कि मेनू के हिसाब से मिलने वाले भोजन और नाश्ते यहां पर नदारद है। उसका कहना था कि इसके लिए कई बार को रनटाइम सेंटर पर प्रवासी मजदूरों ने भी हंगामा किया है। उसके बावजूद भी अभी तक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। उसका कहना था कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ प्रशासनिक उदासीनता का भी शिकार हो गया है।यहां पर स्थानीय अधिकारी मनमानी करने पर तुले हुए हैं।
20 प्रवासी महिलाओं का आज होगा होम क्वॉरेंटाइन
प्रखंड के महेंद्र हाई स्कूल में बने जिले के सबसे बड़े क्वॉरेंटाइन सेंटर में घोर प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां रखे 205 मजदूरों को न तो समय से भोजन मिलता है। और ना समय से नाश्ता इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वहां रह रहे प्रवासी चंदन यादव ने बताया कि 20 प्रवासी महिलाओं को भी और सुविधा का सामना करना पड़ता है। जिनको भोजन नाश्ता और रहने तक की सुविधा नहीं मिलती है। हालांकि 20 प्रवासी महिलाओं को आज बीडीओ के आदेश के बाद होम क्वॉरेंटाइन कर दिया जाएगा। फिर भी इतने बड़े क्वॉरेंटाइन सेंटर पर प्रशासनिक सुविधाओं का अभाव अपने आप में एक सवाल खड़ा करता है।
- 205 प्रवासी को रखा गया है सेंटर पर
- कोरेन्टीन सेंटर में प्रवासियों को नही मिलता मेनू के अनुसार भोजन
- 1800 से अधिक लोगों को भेजा गया है उनके गृह जिला