जेएनयू में कथित देशद्रोही नारे लगाने के मामले में दिल्ली सरकार ने अब तक कन्हैया कुमार व अन्य आरोपियों पर देशद्रोह का केस चलाने की अनुमति नहीं दी है। आरोपी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने का अनुरोध अब भी दिल्ली सरकार के गृह विभाग के समक्ष लंबित है। यह जानकारी बुधवार को दिल्ली पुलिस ने अदालत को दी। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए केस की अगली तारीख 25 अक्टूबर तय की गई है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अनुमति देने के लिए विचार करने पर एक महीने का समय दिया है।

देशद्रोह की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल
वहीं इस बात पर भी गौर फ़रमाया गया है कि पुलिस ने सरकारी अनुमति के बिना ही 14 जनवरी 2019 को जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। पटियाला हाउस अदालत के सीएमएम मनीष खुराना के समक्ष पुलिस ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली है। वहीं अनुमति मिलने में समय लगेगा। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में अनुमति लाने के लिए मोहलत प्रदान करते हुए सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तारीख तय की थी। मामला संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी की बरसी पर जेएनयू कैंपस में नौ फरवरी 2016 की रात आयोजित कार्यक्रम से जुड़ा है।

जेएनयू छात्रसंघ के इन छात्रों को बनाया आरोपी
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य व अन्य छात्रों को आरोपी बनाया गया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने करीब तीन साल की जांच के बाद जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद व अनिर्बन भट्टाचार्य समेत दस आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह व अन्य धाराओं में मुकदमा चलाने की सरकारी अनुमति के बिना आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोपियों को गिरफ्तार नही किया गया था।

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